
(रिपोर्ट – अदिति मिश्रा)
महाराष्ट्र के पुणे से 150 कलाकारों का एक दल अयोध्या के बाद वाराणसी पहुंचा। कलाकारों की टीम ने शनिवार की शाम बाबा के दरबार में हर हर महादेव के उद्घोष के साथ शिव गर्जना की शुरुआत की। करीब एक घंटे से अधिक समय तक शिव गर्जना की। इस दौरान परिसर में शामिल लोग झूमते नजर आए। श्री राम पथक नाम के इस ग्रुप ने महाकाल ताल, राज शिवा क्षत्रपति ताल, हनुमान चालीसा ताल, जय श्रीराम ताल, शिव धुन बजाया। यह ग्रुप 25 साल से पुणे में काम कर रहा है। भगवा पोशाक में अपने-अपने वाद्ययंत्रों को बजाते हुए भगवा झण्डा लिए कलाकारों की टोली बाबा के आंगन में भगवान भोलेनाथ का उद्घोष करती रही।
ग्रुप में शामिल कलाकारों ने बताया कि ढोल ताशा की प्रस्तुति करना हम लोगों के लिए सौभाग्य की बात है। यह एक मराठी लोक परम्परा है। जिसमें ड्रम, झांझ, शंख, घण्टे और भगवा झण्डे लेकर हम पहुंचते हैं। महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के मौके पर सभी पंडालों में शिव गर्जना होती है। काशी विश्वनाथ के दरबार में शिव गर्जना करना हम सबके लिए खुशी की बात है। शिव गर्जना के दौरान काशी विश्वनाथ परिसर में जमा भीड़ ने भी पूरे उत्साह में भाग लिया। लोग कलाकारों के साथ ताल से ताल मिलाकर शिव गर्जना करते रहे। यह एक अद्भुत दृश्य था। इस शिव गर्जना के आयोजन से काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में भक्तिमय माहौल बन गया। लोग भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते रहे। यह एक यादगार क्षण था।