
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)
समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने अयोध्या में 1990 में कारसेवकों पर फायरिंग की घटना को सही ठहराया है। उन्होंने कहा है कि लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखने के लिए ये जरूरी कदम था। शिवपाल यादव के इस बयान पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि शिवपाल यादव ने सही कहा है। उनका कहना है कि कारसेवक कानून हाथ में लेकर अराजकता फैला रहे थे। ऐसे में पुलिस को उन पर नियंत्रण के लिए गोली चलानी पड़ी।शिवपाल यादव के बयान पर बहू अपर्णा बोलीं, राम नामी दुपट्टे से बची थी मेरे पिता की जान । सभी बलिदानी कारसेवक मेरे लिए आदरणीय हैं और यह डिबेट का विषय नहीं हैं।
उनके विरोधियों का कहना है कि शिवपाल यादव का बयान निंदनीय है। उनका कहना है कि कारसेवक शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकार के लिए लड़ रहे थे। पुलिस ने उन पर बेवजह गोली चलाई और कई लोगों की जान चली गई। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में जाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को जानकारी देते हुए निमंत्रण के लिए धन्यवाद एवं समारोह के सकुशल संपन्न होने की हार्दिक शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद सपरिवार राम मंदिर में दर्शन के लिए आएंगे।
अखिलेश यादव के इस फैसले को भी कई तरह से देखा जा रहा है। कुछ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि अखिलेश यादव एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं। उनका कहना है कि वह किसी भी धर्म के विशेष आयोजन में शामिल नहीं होते हैं। उनके विरोधियों का कहना है कि अखिलेश यादव की राजनीति धर्म से ऊपर नहीं है। उनका कहना है कि वह राम मंदिर आंदोलन का विरोध कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेताओं के बयानों से एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन की बहस छिड़ गई है। यह बहस आने वाले समय में भी जारी रहने की संभावना है।