
लखनऊ। अपने पसंदीदा लोगों को अपने ही विभाग से जुड़े आयोग में जगह नहीं दिये जाने से नाराज पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के इस्तीफे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्वीकार कर दिया है। दिव्यांग कल्याण विभाग का जिम्मा भी सम्भाल रहे राजभर ने रविवार को बताया कि उन्होंने शुक्रवार रात मुख्यमंत्री से मुलाकात करके पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी से अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा था, जिसे योगी ने नामंजूर कर दिया।
UP Cabinet Minister Om Prakash Rajbhar writes to UP CM offering hand over of the charge of backward class welfare department, expressing disappointment that his recommendations in appointment of state backward castes panel members have been "ignored". pic.twitter.com/u7e2WacZRL
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 14, 2019
बकौल राजभर, उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि जब उन्हें अपने ही विभाग से जुड़े पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में अपने पसंदीदा लोगों को रखने का अधिकार नहीं है तो विभागीय मंत्री होने का क्या औचित्य है। राजभर ने बताया कि इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग के सदस्यों की सूची भाजपा संगठन ने तैयार की थी, खुद उन्होंने नहीं। वह इस मामले को आगे देखेंगे। मंत्री ने कहा कि वह पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से इस्तीफा देने के रुख पर अब भी कायम हैं।
उन्होंने बताया कि पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण में आरक्षण की सिफारिश लागू करने की मांग के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दो—तीन दिन बाद इस बारे में बैठकर बात करेंगे। राजभर ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की 27 सदस्यीय समिति में शामिल करने के लिये नामों की सूची दी थी, मगर उनमें से किसी को भी शामिल नहीं किया गया। इसके विरोध में उन्होंने पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया था।