
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने प्रधानमंत्री बनने की इच्छा तो कई बार जाहिर की है. लेकिन पहली बार मायावती ने इशारों ही इशारों में प्रधानमंत्री पद की रेस में होने के संकेत भी दिए हैं. इतना ही नहीं अगर गठबंधन की यूपी में जीत होती है तो वह प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्यसभा की जगह लोकसभा का रास्ता चुनेंगी. इसके लिए वो अम्बेडकर नगर सीट से उपचुनाव लड़ेंगी.
दरअसल, पिछले दिनों गठबंधन प्रत्याशी रितेश पांडेय के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने अम्बेडकरनगर पहुंचीं मायावती ने इस बात के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा, ‘क्योंकि आपकी सीट से मैं कई बार लोकसभा के लिए चुनी जा चुकी हूं. वक्त बताएगा, यदि वक्त अच्छा आया तो हो सकता है मुझे आपकी सीट से फिर से चुनाव लड़ने का मौका मिले.’
चार बार सांसद चुनी गई हैं इस सीट से
गौरतलब है कि 2008 में परिसीमन से पहले अम्बेडकर नगर सीट से मायावती चार बार सांसद चुनी गई हैं. इस बार पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडेय के बेटे रितेश पांडेय चुनावी मैदान में हैं. अगर वह जीतते हैं और ऐसे हालात बनते हैं कि मायावती प्रधानमंत्री बनती हैं तो वह यह सीट उनके लिए खाली करेंगे.
बता दें, इस बार चुनाव न लड़ने के फैसले पर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि उन्हें निराश होने की जरुरत नहीं है. मजबूती से गठबंधन को जिताएं. वो कभी भी कहीं से चुनाव लड़कर जीत सकती हैं. टिकटों के ऐलान से पहले कहा जा रहा था कि मायावती नगीना या अम्बेडकर नगर सीट से चुनाव लड़ेंगी. लेकिन उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया.
अब पांच चरण के मतदान संपन्न होने के बाद मायावती की प्रधानमंत्री बनने की इच्छा बलवती नजर आ रही है. अब वो खुले तौर पर इस बात के संकेत दे रही हैं कि अगर गठबंधन को अच्छी सीटें हासिल हुईं तो वह अम्बेडकर नगर से लोकसभा पहुंचेंगी. समाचार भारती के ब्यूरो दीपक कुमार कहते हैं, “यह पहली बार है जब मायावती ने खुलकर इस बात के संकेत दिए हैं कि वह पीएम पद की रेस में हैं. इतना ही नहीं वह राज्यसभा की जगह लोकसभा जाना पसंद करेंगी. कहीं न कहीं उन्हें लग रहा है कि गठबंधन की प्रचंड जीत हो रही है. ऐसे में केंद्र में अगली सरकार गठबंधन की बनीं तो वह पीएम पद की प्रबल दावेदार होंगी.
पेश कर सकती हैं पीएम पद की दावेदारी
दरअसल, इस बार सपा-बसपा और रालोद गठबंधन के तहत लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा ने 38, सपा ने 37 और रालोद ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. 23 मई को अगर गठबंधन की यूपी में जीत होती है और त्रिशंकु जनाधार की स्थिति में मायावती प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकती हैं. इस बात की तस्दीक सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कर चुके हैं. उन्होंने कहा है कि इस बार यूपी से ही देश को नया प्रधानमंत्री मिलेगा. उन्होंने यह भी संकेत दिए हैं कि इस बार आधी आबादी से ही कोई देश का प्रधानमंत्री होगा. हालांकि, मायावती के इस संकेत के बाद अखिलेश यादव ने कुछ साफ जवाब नहीं दिया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि 23 मई के बाद यह तय होगा.