
((रिपोर्ट – राजेश गौतम)
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की घोषणा कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही 100 नए बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे, एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम उत्तर प्रदेश में बायो गैस के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देगा और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगा। बायोगैस एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। यह पशुधन के अपशिष्ट, कृषि अपशिष्ट और अन्य जैविक पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है। बायोगैस का उपयोग बिजली उत्पादन, परिवहन और खाना पकाने के लिए किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में बायोगैस के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। राज्य में बड़ी संख्या में पशुधन है और कृषि अपशिष्ट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके अलावा, राज्य सरकार बायो गैस के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन भी दे रही है।
100 नए बायोगैस प्लांटों की स्थापना से उत्तर प्रदेश में बायो गैस उत्पादन में काफी वृद्धि होगी। इससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। बायोगैस के उत्पादन से वायु प्रदूषण कम होगा और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आएगी। इसके अलावा, बायोगैस प्लांटों की स्थापना से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। प्लांटों के निर्माण और संचालन में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकता है। कुल मिलाकर, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की घोषणा कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही 100 नए बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे, एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम उत्तर प्रदेश में बायो गैस के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देगा और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगा।