बस्ती में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह।

By | January 20, 2024

(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)

बस्ती जिले में अयोध्या में भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। जिले के राम अवतरण कारक मखधाम मखौड़ा, श्रृंगिनारी, राम रेखा, हनुमान बाग चकोही, आदि स्थानों पर भी लोग भगवान राम से जुड़े स्थानों पर भी अयोध्या के तर्ज पर उत्सव मनाने की तैयारियां शुरू कर चुके हैं। क्षेत्रीय विधायक अजय सिंह के नेतृत्व में हजारों की संख्या में महिलाओं ने कलश लेकर भगवान राम की शोभा यात्रा निकाली। इस यात्रा में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग होते हुए रामरेखा मंदिर तक 21 किलोमीटर राम नाम के जयघोष के साथ यात्रा समाप्त हुई। बस्ती जिले में प्रभु श्रीराम के जन्म से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण स्थान हैं, जहां अयोध्या के तर्ज पर रामायण, भंडारा, दीपोत्सव आदि कार्यक्रमों की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं।

बस्ती जिले में मखौड़ा धाम स्थित है, जहां राजदशरथ के कुल गुरु वशिष्ठ ने पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रेष्ठि यज्ञ श्रृंगी ऋषि से कराने की सलाह दी थी। उसके बाद राजा दशरथ ने पुत्रेष्ठि यज्ञ कराने की तैयारी शुरू की, जहां पानी की समस्या होने लगी। तभी कुछ दूर पर उद्दालक ऋषि तपस्या कर रहे थे। तब ऋषियों ने उद्दालक ऋषि से अनुरोध किया, तो उद्दालक ऋषि ने अपनी तर्जनी उंगली से एक रेखा जमीन पर खींची, जहां मनोरमा नदी के रूप में नदी प्रवाहित हुई। उसके बाद पुत्रेष्ठि यज्ञ सफल हुआ। पुत्रेष्ठि यज्ञ करने के पश्चात सूर्य देव खीर लेकर यज्ञ कुण्ड में प्रकट हुए और राजा दशरथ को एक कटोरे में खीर को प्रसाद के रूप में रानियों को खिलाने के लिए दिए। उसके बाद राजा दशरथ ने रानियों को खीर दिया, तब राजा दशरथ को भगवान राम सहित चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। यज्ञ के आयोजक श्रृंगी ऋषि को यज्ञ से पूर्व राजा दशरथ ने अपनी पुत्री के रूप में शांता के साथ विवाह कराया। उसके उपरांत यज्ञ सम्पन्न हुआ था। यज्ञ के बाद श्रृंगी ऋषि ने श्रृंगिनारी में माता शांता देवी को स्थापित कर बस्ती के रामरेखा नदी के तट पर आश्रम बनाकर रहने लगे थे।

वही भगवान राम ने जहां शिक्षा ग्रहण किया, वशिष्ठ आश्रम भी बस्ती जिले के बढ़नी में स्थित है। और भगवान श्रीराम जब लंका विजय के बाद लौटे, तब हनुमान जी को लोग ताने बोलने शुरू कर दिए। तब उनको माता सीता ने हनुमान को सर्यूपार जंगलों में भेजा कि जाओ, वहां निवास करो और खाने के लिए फल भी मिलेगा। हनुमान जी वहां फल खाने जाया करते थे। वह स्थान बस्ती के हनुमान बाग चकोही के नाम से प्रसिद्ध है, जो 84 कोसी परिक्रमा का दूसरा पड़ाव है। जिसके कारण बस्ती का अयोध्या के रामजन्म भूमि से जुड़े बहुत से रहस्य रामायण और ग्रंथों में वर्णित है। बहराइच के भाजपा विधायक अजय सिंह ने बताया कि अयोध्या से बस्ती जनपद के पुराना नाता है। अयोध्या के साथ बस्ती के मखौड़ा धाम को अयोध्या से जोड़ने और कॉरिडोर बनाने के लिए सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि आज भी सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां आकर पवित्र मनोरमा नदी का जल और मिट्टी लोग ले जाते हैं। साथ ही मखौड़ा धाम की ऐसी मान्यता आज भी है कि यहां जो लोग पूजा हवन करते हैं, उनको पुत्र आदि की प्राप्ति होती है।

मखौड़ा धाम बस्ती जिले का एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह स्थान भगवान राम के जन्म से जुड़ा है। कहा जाता है कि यहीं पर राजा दशरथ ने पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाया था, जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान राम सहित चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी।