डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की कार्रवाई, पोस्टमार्टम केस में दो और डॉक्टर निलंबित- बदायूं

By | January 24, 2024

(रिपोर्ट – राजेश गौतम)

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में पोस्टमार्टम में लापरवाही के आरोप में दो डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। इन डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला की हत्या के मामले में पोस्टमार्टम में सतर्कता नहीं बरती और उसके दो आंखें गायब कर दीं। घटना बीते 10 नवंबर, 2023 को हुई थी। बदायूं के थाना अलापुर के कुतरई गांव निवासी पूजा की ससुराल वालों ने देहज की मांग के चलते उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। सीएमओ ने दो चिकित्सकों डॉ. मोहम्मद उबेश और डॉ. मोहम्मद आरिफ हुसैन की संयुक्त कमेटी गठित की थी। उन्होंने शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों ने लाश का बैग खोला तो पूजा की दोनो आंखें गायब थीं। परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया।

महोबा में धमकी देने वाले डॉक्टर के खिलाफ अभियोजन- महोबा जिले के खरेला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर राजेश कुमार वर्मा के खिलाफ अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति दी गई है। डॉ. वर्मा पर ड्यूटी के दौरान सहकर्मियों से अभद्र भाषा का प्रयोग कर धमकी देने का आरोप है। पीड़ित कार्मिक द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद जांच हुई। विभाग की जांच में समस्त आरोप सत्य पाये गए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डॉ. वर्मा के विरुद्ध अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति दी है।

प्रक्रिया में सुधार की जरूरत- इन दोनों मामलों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत है। पोस्टमार्टम एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। पोस्टमार्टम में लापरवाही के मामले में दो डॉक्टरों को निलंबित करना एक सराहनीय कदम है। लेकिन, यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। इसके लिए पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में सुधार किया जाना चाहिए। साथ ही, स्वास्थ्यकर्मियों को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बारे में बेहतर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्हें यह समझाया जाना चाहिए कि पोस्टमार्टम एक गंभीर प्रक्रिया है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।