अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर धार्मिक ग्रंथों और संत समाज के बीच मतभेद।

By | January 17, 2024

(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर धार्मिक ग्रंथों और संत समाज के बीच मतभेद देखने को मिल रहा है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, किसी मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद ही उसमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। लेकिन अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में कुछ संतों का मानना है कि इस समय प्राण प्रतिष्ठा करना अशुभ है।  पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर शंकराचार्यों के बीच मतभेदों की खबरों का खंडन किया है. उन्होंने शनिवार (13 जनवरी) को कहा कि राम मंदिर को लेकर चारों शंकराचार्यों में कोई मतभेद नहीं है. यह सरसार झूठ है।

वीएचपी नेता ने  बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भव्य कार्यक्रम में कोई भी शंकराचार्य शामिल नहीं होगा. उन्होंने यह भी बताया कि ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस संबंध में कुछ टिप्पणियां की हैं. उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह सही नहीं है क्योंकि अभी इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ है.। हालांकि, कुछ संतों का मानना है कि प्राण प्रतिष्ठा में देरी करना भी अशुभ है। उनके मुताबिक, राम मंदिर निर्माण को 100 साल से अधिक हो चुके हैं। ऐसे में अब प्राण प्रतिष्ठा में देरी नहीं की जानी चाहिए।

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप का दावा है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा है कि “शनि, राहु और केतु का एक दूसरे से लेना देना है। राहु साइलेंट ग्रह है, लेकिन योग ऐसा बन रहा है कि राहु दाहिने हाथ से बाएं हाथ पर खुद ही अटैक कर रहा है। अगर कोई भी नंबर सात पावर के साथ उलझता है तो सात पावर अगले पावर वाले को बहुत भारी नुकसान पहुंचा सकता है। जिसमे स्वास्थ्य संबंधी समस्या, दिमागी दिमागी परेशानी और दर्द का संयोग बनेगा। इसलिए मोदी जी के लिए बुरा वक्त आने वाला है। हालात ने उन्हें सात नंबर के साथ उलझा दिया है। इसलिए उनका बुरा समय शुरू हो सकता है। अटलांटा कश्यप का दावा है कि उनका अब तक कोई भी भविष्य भविष्यवाणी विफल नहीं हुई है। उन्होंने कई साल पहले भविष्यवाणी की थी कि भविष्य में भारत पूरी दुनिया में नंबर 1 होगा।

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अभी भी विवाद चल रहा है। यह देखना होगा कि आखिरकार क्या होता है। अगर प्राण प्रतिष्ठा होती है, तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय शुरू होता है? यह भी एक सवाल है। हालांकि, यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि ज्योतिष एक विज्ञान नहीं है। यह एक विश्वास है। किसी भी ज्योतिषी की भविष्यवाणी को सत्य मानना या न मानना व्यक्ति की अपनी पसंद है।