
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)
अयोध्या में रामलला की चयनित प्रतिमा का कल देर शाम मंदिर परिसर में आगमन हुआ। इससे पहले कलश यात्रा से लेकर परिसर भ्रमण की रीति विधि-विधान से पूरी की गई। आज प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित कर अधिवास के अनुष्ठान शुरू होंगे। कल बुधवार को दिन में लगभग 1:30 बजे मुख्य यजमान अनिल मिश्र आचार्यों संग सरयू तट पहुंचे। वहां सरयू, वरुण और तीर्थ देवता के पूजन के बाद कलशों में जल भरा गया। मंदिर में कलश पहुंचने के बाद उनका पूजन किया गया और कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद गर्भगृह में भी पूजन हुआ। परंपरा के अनुरूप प्रतिमा को पालकी पर मंदिर परिसर का भ्रमण करवाया गया।
रामलला का पहले नगर भ्रमण करवाया जाना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे परिसर तक ही सीमित रखा गया। पालकी पर मूल प्रतिमा की जगह रामलला की चांदी के विग्रह का भ्रमण करवाया गया। ट्रस्ट के एक सदस्य का कहना है कि चयनित प्रतिमा लगभग दो क्विंटल की है, कंधे पर उसका भ्रमण करवाया जाना बेहद कठिन था। इसलिए, प्रतीकात्मक विग्रह से अनुष्ठान पूरा किया गया। इसके बाद मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्र ने गर्भगृह में स्थापना से पहले की पूजा को संपन्न कराया।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए चयनित विग्रह को कल बुधवार की शाम ट्रक में रखकर कड़ी सुरक्षा के बीच मूर्ति निर्माण स्थल से मंदिर के लिए स्थानांतरित किया गया। इस दौरान रास्ते में दोनों किनारों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। पुलिस ने रस्सी से कॉरिडोर बना रखा था। आज जलयात्रा के साथ ही प्रतिमा का जलाधिवास और गंधाधिवास करवाया गया। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निर्विघ्न संपन्न होने के लिए राम की पैड़ी में 4 हजार महिलाओं ने दुरदुरिया पूजन किया। इसमें महापौर गिरीशपति त्रिपाठी की पत्नी राजलक्ष्मी भी शामिल हुईं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट जारी किया है। इसके साथ ही पीएम ने दुनिया भर में भगवान राम पर जारी टिकटों की एक पुस्तक भी जारी की। इन सभी घटनाओं से स्पष्ट है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जुड़े सभी कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो रहे हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। यह पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा।