
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)
मुख्य बिंदु:
- वजूखाने का भी सर्वे कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सहित अन्य विपक्षियों को जारी किया नोटिस।
- कोर्ट ने वजू खाने का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुद्दे को विचारणीय माना है।
- जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई मामले की सुनवाई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी मामले में वजूखाने का भी सर्वे कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने याचिका पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सहित अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी करते हुए मामले में अगली सुनवाई 21 मार्च 2024 को तय की है। याचिकाकर्ता राखी सिंह ने वाराणसी के जिला जज की कोर्ट के 21 अक्टूबर 2023 के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें वजू खाने का सर्वे कराए जाने का आदेश देने से इंकार कर दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि श्रृंगार गौरी केस का निपटारा होने के लिए वजू खाने का भी सर्वे कराया जाना बेहद जरूरी है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि एएसआई ने जिस तरह से विवादित परिसर के बाकी हिस्सों का सर्वेक्षण किया है, उसी तरह उसे वजूखाने के भी सर्वे की मांग की गई है। दलील दी गई है कि वजू खाने के सर्वे से 15 अगस्त 1947 को जो स्थिति थी उसका सही सही पता चलेगा। शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर वजू खाने को साल 2022 के मई महीने में सील कर दिया गया था। इस मामले में अगली सुनवाई 21 मार्च 2024 को होगी। यह मामला अभी भी विचाराधीन है और इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं सुनाया गया है।
वाराणसी की अदालत के आदेश के खिलाफ सुबह-सुबह मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की ओर से वकीलों की एक टीम ने गुरुवार सुबह तीन बजे सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से संपर्क किया। रजिस्ट्रार से करीब एक घंटे तक बातचीत के बाद उन्होंने सुबह चार बजे CJI जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सामने दस्तावेज पेश किए। CJI ने कागजात देखने के बाद मुस्लिम पक्ष से इस मामले मे किसी भी तरह की राहत के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख करने को कहा। दरअसल मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया जिसमें ज्ञानवापी के कथित मस्जिद के एक तहखाने में पूजा करने का आदेश दिया है। सुबह-सुबह सुप्रीम कोर्ट के सामने दाखिल की गई अर्जी में मुस्लिम पक्ष का यह कहना था कि पूजा के आदेश देने वाले वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी जिससे मुस्लिम पक्ष कानूनी उपाय तलाश सके।