
जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली के आरोपों को लेकर बवाल मचा हुआ है। प्रवेश परीक्षा में नियमों की अनदेखी और परीक्षा परिणामों में धांधली के चलते रादुविवि की साख पर भी इसका असर होता दिखाई दे रहा है।
पहले विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने पीएचडी में दाखिले को लेकर हंगामा किया और अभी जब यह मामला पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ कि पत्रकारिता विभाग में पीएचडी के प्रवेश परिणाम में धांधली का आरोप लगा है। पत्रकारिता विभाग की छात्रा निकुंज उपाध्याय ने अपने ही विभाग में दाखिले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ऐसे में इन आरोपों से रादुविवि की साख को बट्टा लग गया है।
मालूम हो विश्वविद्यालय में पीएचडी दाखिलो में गड़बड़ी को लेकर छात्रसंघ ने कुलपति को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया था। इसके अलावा इस मुद्दे पर विद्यार्थियों ने कई बर कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र को साक्ष्य प्रस्तुत किये और कार्रवाई की मांग की थी। वहीं दूसरी तरफ पत्रकारिता विभाग की छात्रा निकुंज उपाध्याय ने यूजीसी को शिकायत की है कि जिस छात्र के पीएचडी में 73 अंक मिले है वह छात्र परीक्षा में उपस्थित ही नहीं था।
छात्रा निकुंज ने यूजीसी को भेजे शिकायत में विभागाध्यक्ष धीरेंद्र पाठक पर गंभीर आरोप लगते हुए लिखा है कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में उन्ही छात्रों को उत्तीर्ण किया गया जो उनकी चमचागिरी और उनके घरेलू कार्यों में दिन रात लगे रहते है।
वहीं विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो कई छात्रों की उत्तरपुस्तिका (ओएमआर सीट) परीक्षा के बाद भरी गई और स्कैन कर परिणाम घोषित किये गए है।
निकुंज उपाध्याय ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति को भी पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने की मांग की है की है तथा परीक्षा रद्द कर पुनः प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अपील की है।
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