
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज एक औपचारिक समारोह के दौरान राष्ट्र को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक समर्पित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री सहित कई वरिष्ठ अधिकारी इंडिया गेट पर मौजूद रहे। उद्घाटन से पहले सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित इसका उद्घाटन किया और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। आसमान से हेलीकॉप्टरों के जरिए भी वीर सैनिकों को अर्पित की गई।
नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, हमारे जवानों के लिए एक उचित श्रद्धांजलि है, जिन्होंने आजादी के बाद देश की रक्षा के लिए अपना जीवन उत्सर्ग कर दिया। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों का भी स्मरण करता है जिन्होंने शांतिवाहिनी मिशनों और अराजकता विरोधी अभियानों में सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह मेमोरियल 20 एकड़ एरिया में फैला है। प्रधानमंत्री ने 2014 में, एक अत्याधुनिक विश्व स्तरीय स्मारक के रूप में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का अपना विज़न प्रस्तुत किया था।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के विन्यास में चार संकेंद्री वृत्त शामिल हैं, जिनके नाम हैं ‘अमर चक्र’, ‘वीरता चक्र’, ‘त्याग चक्र’ और ‘रक्षक चक्र’। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में एक केंद्रीय चतुष्कोण स्तंभ, एक शाश्वत लौ, और भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा लड़ी गई प्रसिद्ध लड़ाइयों को दर्शाती छह कांस्य भित्ति चित्र शामिल हैं।
परम वीर चक्र के 21 पुरस्कार विजेताओं की अर्धप्रतिमा परम योद्धा स्टाल पर लगाई गई हैं, जिसमें तीन जीवित पुरस्कार विजेता सूबेदार (मानद कैप्टन) बाना सिंह (सेवानिवृत्त), सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव और सूबेदार संजय कुमार शामिल हैं। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक शहीदों को उचित श्रद्धांजलि देने के लिए एक कृतज्ञ राष्ट्र की सामूहिक आकांक्षा की परिणति का प्रतिनिधित्व करता है।
वार मेमोरियल का उद्घाटन करने से पहले पीएम मोदी ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक, सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना, बहुत कुछ कह जाता है। अब यही लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए। अगले कुछ महीनों में जब देश का पहला राफेल, भारत के आसमान में उड़ान भरेगा, तो खुद ही इनकी सारी साजिशों को ध्वस्त कर देगा।’
पीएम ने कहा, ‘आज देश को राष्ट्रीय समर स्मारक मिलने जा रहा है लेकिन राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल की भी तो यही कहानी थी। इस मेमोरियल को बनाने और राष्ट्र को समर्पित करने का सौभाग्य भी हमारी ही सरकार को मिला। देश की सुरक्षा के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ किया गया, साल 2009 में सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी। 2009 से लेकर 2014 तक पांच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गई। यह हमारी ही सरकार है जिसने बीते साढ़े चार वर्षों में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदी है।’