
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाला एनडीए गठबंधन रुझानों में बड़ी जीत की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार के कौन से फैसले काम कर गए या उनकी कौन सी स्कीम्स से जनता को सबसे ज्यादा फायदा मिला, जिसके चलते दक्षिण भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में एनडीए को मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर वोट दिए। मनीभास्कर यहां मोदी सरकार के ऐसे ही 5 दांव के बारे में बता रहा है।
1. आयुष्मान भारत (ayushman bharat scheme)
सितंबर, 2018 में लॉन्च हुई आयुष्मान भारत योजना बेहद कम समय में काफी कारगर रही। इसके तहत देश के 10 करोड़ परिवारों और 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देने का लक्ष्य है। मोदी सरकार की यह स्कीम इतनी सफल रही कि लॉन्चिंग के बाद सिर्फ 8 महीनों में 18 लाख से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना की वेबसाइट https://www.pmjay.gov.in/ पर दी गई जानकारी के मुताबिक, 2,89,63,698 लोगों को E-CARDS भी बांटे जा चुके हैं। इस योजना से अब तक 15,291 अस्पतालों को जोड़ा जा चुका है।
मिलते ये हैं फायदे
इस योजना के तहत सभी योग्य लाभार्थियों को 5 लाख रुपए का फ्री बीमा मिलता है। मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पहले का खर्च और अस्पताल से डिसचार्ज (expenses) होने के बाद का खर्च भी सरकार द्वारा किया जाएगा। इस योजना के तहत, कोई भी सरकारी और निजी अस्पतालों दोनों में इलाज (Treatment) का लाभ उठा सकता है।
2. सौभाग्य योजना
मोदी सरकार ने देश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य या SAUBHAGYA) 25 सितंबर, 2017 को लॉन्च की थी। इसके तहत 30 राज्यों के 2.62 करोड़ घरों को बिजली कनेक्शन मुहैया कराया जा चुका है।
इस योजना के तहत जिन लोगों का नाम साल 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना में है, उन्हें SAUBHAGYA योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाना है।
वहीं, जिन लोगों का नाम सामाजिक-आर्थिक जनगणना में नहीं है, उन्हें बिजली का कनेक्शन सिर्फ 500 रुपए के शुल्क पर मिल सकता है। ऐसे लोग यह 500 रुपए भी 10 आसान किस्तों में चुका सकते हैं।
3. प्रधानमंत्री आवास योजना
नरेंद्र मोदी सरकार ने मकान खरीदना या बनाना आसान बनाने के लिए वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) पेश की थी। पहले यह योजना सिर्फ गरीबों के लिए थी, लेकिन बाद में होमलोन की रकम बढ़ाकर इसके दायरे में शहरी गरीबों और मध्यम वर्ग को भी शामिल कर लिया गया। शुरुआती प्रावधानों के मुताबिक PMAY में होम लोन (Home Loan) की रकम 3 से 6 लाख रुपए तक थी, जिस पर PMAY के तहत ब्याज पर सब्सिडी दी जाती थी। अब इसे बढ़ाकर अब 18 लाख रुपए तक कर दिया गया है।
इस योजना में शुरुआत में शहरी क्षेत्रों में 2022 तक 2 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसे बाद में घटाकर 1 करोड़ कर दिया गया था। हालांकि दिसंबर, 2018 तक सिर्फ 65 लाख घरों को ही मंजूरी दी जा सकी। कुल स्वीकृत घरों में 54 फीसदी घरों पर दिसंबर, 2018 तक काम शुरू हो गया था। लगभग 12.5 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। 2014 से 2017 के बीच हर साल 3.5 लाख घर बनाए गए। वहीं 2017 और 2019 के बीच 70 फीसदी ज्यादा घर बनाए गए।
4. उज्ज्वला योजना
केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों को रसोई गैस का लाभ देने के लिए मई, 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की पेशकश की थी। PMUY के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को घरेलू रसोई गैस (LPG) गैस) का कनेक्शन देती है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से चलाई जा रही है। इसके तहत कुल 8 करोड़ BPL परिवारों को फ्री में LPG कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
उज्ज्वला योजना की वेबसाइट के मुताबिक, अभी तक इस योजना के दायरे में देश के 714 जिले आ चुके हैं और 7,19,12,113 परिवारों को गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
5. सवर्णों को आरक्षण
मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले सवर्ण आरक्षण का दांव चला था, जो काम करता दिख रहा है। वर्ष 2019 की पहली कैबिनेट बैठक में सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण जैसा ऐतिहासिक फैसला किया था, जिसके लिए संविधान में संशोधन भी कर दिया गय।
सवर्ण आरक्षण के लिए आय सीमा 8 लाख रुपए सालाना तय की गई है। सभी स्रोतों से मिलने वाली आय को जोड़कर इसका निर्धारण किया जाएगा। इसके अलावा निम्न चार संपत्तियों से एक भी संपत्ति होने पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।