
भोपाल। मध्य प्रदेश में उलमाओं की संस्था ऑल इंडिया उलमा बोर्ड (एआईयूबी) ने मुसलमानों को ‘राम जन्मभूमि’ फिल्म न देखने का फतवा जारी किया है। साथ ही उसने फिल्म की मुस्लिम अभिनेत्री को इस्लाम में आस्था बहाल करने को कहा है।
ऑल इंडिया उलमा बोर्ड ने केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार से इस फिल्म को रिलीज करने पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह दो समुदायों के बीच घृणा फैलाने का कारक है। बोर्ड ने कहा कि ऐसे समय में जब अयोध्या में मध्यस्थता के जरिये रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद सुलझाने के प्रयास हो रहे हैं इस फिल्म के रिलीज होने से माहौल बिगड़ेगा।
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने फिल्म को लिखा है इसको बनाया है। इसमें रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़ी घटनाओं को दिखाया गया है। यह फिल्म 29 अप्रैल को रिलीज होगी। एआईयूबी की मध्य प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष नूरुउल्लाह यूसुफजयी ने कहा कि इस फिल्म का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव तक रोका जाना चाहिए। यह फिल्म निर्माता द्वारा दो समुदायों के बीच घृणा फैलाने और मतों के ध्रुवीकरण की साजिश है।