
भोपाल. मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के रिजल्ट आ गए हैं। इस रिजल्ट में कई जिलों के प्रदर्शन काफी खराब रहे हैं। ऐसे में उन जिलों में कार्यरत शिक्षकों से सरकार अब सख्ती बरतने के मूड में है। जिन जिलों के रिजल्ट खराब हुए हैं, सरकार उन शिक्षकों की अब परीक्षा लेगी। अगर उसमें फेल हुए तो उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार के इस कदम से शिक्षकों का करियर उनके रिजल्ट के आधार पर ही तय होगा। प्रदेश की सरकार पहली बार ऐसा प्रयोग करने जा रही है। जब सरकारी स्कूल के शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ेगी। इस परीक्षा में उन स्कूलों के शिक्षकों को हिस्सा लेना होगा, जिनके स्कूल के परिणाम 30 फीसदी से कम आए हैं। अगर सरकार द्वारा आयोजित इस परीक्षा में टीचरों के अंक कम आएं तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
12 जून को होगी परीक्षा
मध्यप्रदेश सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग का तरफ से यह परीक्षा 12 जून को आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में उन स्कूल के टीचर शामिल होंगे जिनके स्कूलों के रिजल्ट 30 फीसदी से कम आए हैं। इस परीक्षा के जरिए यह देखा जाएगा कि ये शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के लायक हैं कि नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जो टीचर इस परीक्षा में फेल होंगे, उन्हें या तो बाहर कर दिया जाएगा या फिर शैक्षणिक कार्य के अलावे दूसरे काम में लगा दिया जाएगा।
इन जिलों में हुआ रिजल्ट खराब
इस साल आए रिजल्ट में सिंगरौली, रीवा, ग्वालियर, सीधी, मुरैना, शिवपुरी और भिंड के स्कूलों के रिजल्ट खराब हुए हैं। सरकार उन स्कूलों की सूची तैयार की है, जिनके रिजल्ट पिछले पिछले दो या तीन सालों से लगातार खराब आ रहे हैं। ऐसे में इन स्कूलों के साथ अब सरकार ढिलाई बरतने को तैयार नहीं है।
उम्मीद के अऩुसार नहीं आए रिजल्ट
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा इस बार 16 मई को परीक्षा परिणाम प्रकाशित किए गए। 10वीं 61.32% और 12वीं में 72.37% फीसदी छात्र सफल हुए हैं। इस बार भी लड़कियों के रिजल्ट लड़कों की तुलना में बेहतर रहे हैं। यानी कुल मिलाकर दसवीं करीब चालीस फीसदी तक छात्र फेल हुए। ऐसे में प्रदेश की शिक्षा की स्थिति काफी खराब है।