
भोपाल: मध्यप्रदेश में पिछले 15 दिनों में अवैध रेत खदानों में नौ मजदूरों की मौत हो चुकी है. सरकार अब रेत माफिया पर शिकंजा कसने की बात कह रही है. बताया जा रहा है कि अवैध रेत का परिवहन करने वाली गाड़ियों से 25000 रुपये से लेकर चार लाख रुपये तक जुर्माना वसूला जा सकता है. हालांकि सरकार नई रेत खनन नीति लेकर आई है लेकिन इसमें राजस्व की ही फिक्र है, पर्यावरण के नुकसान की नहीं. इन खदानों में सुरक्षा को लेकर भी कोई खास ज़िक्र नहीं है.
गत 22 जून को मध्यप्रदेश के बड़वानी ज़िले के छोटा बड़दा गांव में सुबह खदान धंस गई और पांच मज़दूरों की मौत हो गई. जहां खुदाई हो रही थी वह सरकारी ज़मीन थी, जहां नदी किनारे बड़े-बड़े मिट्टी के टीले हैं. इन टीलों के नीचे रेत है. इसी की खुदाई के लिए पांच लोग आए थे. दो दिन बाद सोमवार को पार्वती नदी के किनारे रेत की अवैध खदान धंसने से दो बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई. दोपहर एक बजे हादसा हुआ जब मजदूर रेत का अवैध खनन कर रहे थे. उनके साथ दो बच्चे भी खदान में खेल रहे थे. इसी दौरान खदान धंस गई. मजदूरों और बच्चों को संभलने का मौका ही नहीं मिला और वे कई फीट रेत में दब गए।
बड़वानी गृह मंत्री बाला बच्चन का गृह क्षेत्र है, लेकिन सरकार वहां भी अवैध खनन रोकने में नाकाम रही है. सरकार कह रही है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा, वहीं श्रम मंत्री इसे सिर्फ दुर्घटना मान रहे हैं. गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा यह जो धुंआधार रेत का कारोबार चल रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. जो जो शामिल हैं, खनिज विभाग-पुलिस विभाग, उनको मैं सज़ा दिलवाऊंगा. वहीं श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा यह एक्सीडेंट है. कमलनाथ जी की सरकार गंभीर है इस मुद्दे को लेकर. जो संभव होगा कार्रवाई की जाएगी.