भारत ने म्यांमार की सीमा पर किया बड़ा ऑपरेशन, चीन समर्थित 10 उग्रवादी कैंपों को किया तबाह

By | March 16, 2019

नई दिल्ली: पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक के बाद अब  भारत अन्य सीमाओं को भी महफूज करने में जुटा है. इसी कड़ी में भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना के साथ मिलकर चलाए गए एक अभियान में म्यांमार सीमा पर एक उग्रवादी समूह से संबंधित 10 शिविरों को नष्ट कर दिया.ऑपरेशन सनराइज एक बड़ा अभियान था, जिसमें चीन द्वारा समर्थित कचिन इंडिपेंडेंट आर्मी के एक उग्रवादी संगठन, अराकान आर्मी को निशाना बनाया गया.सूत्रों ने कहा कि शिविरों को म्यांमार के अंदर नष्ट किया गया, और यह गहन अभियान 10 दिनों में पूरा हुआ.भारतीय सेना ने म्यांमार को अभियान के लिए हार्डवेयर और उपकरण मुहैया कराए, जबकि इसने सीमा पर बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया.यह अभियान इस बात की जानकारी मिलने के बाद चलाया गया कि उग्रवादी कोलकाता को समुद्र मार्ग के जरिए म्यांमार के सितवे से जोड़ने वाली विशाल अवसंरचना परियोजना निशाना बना रहे हैं. यह परियोजना कोलकाता से सितवे के रास्ते मिजोरम पहुंचने के लिए एक अलग मार्ग मुहैया कराने वाली है.यह परियोजना 2020 तक पूरी होने वाली है.

बालाकोट में भी आतंकी कैंप तबाह कर चुका है भारत
इससे पूर्व भी भारत ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक के जरिए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों को तबाह किया था. जब सर्जिकल स्ट्राइक 2 (Surgical Strike 2) कर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. 14 फरवरी को  पुलवामा (Pulwama) में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना (IAF) ने आतंकियों को सबक सिखाने के लिए उनके कैंप पर हमला किया.

भारतीय वायुसेना ने सोमवार की देर रात 3.30 बजे (मंगलवार सुबह 3.30 बजे)  मिराज 2000 फाइटर प्लेन से पाकिस्तान के बालकोट (Balakot) में स्थित आतंकियों के ठिकाने पर 1000 किलो बम बरसाएं. सरकारी सूत्रों के अनुसार वायुसेना (Indian Air Force) की बड़ी कार्रवाई में करीब 300 आतंकवादी मारे गए हैं और इसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर भी मारा गया है जो यह कैंप चला रहा था. भारतीय वायुसेना का ये ऑपरेशन (IAF Operation) 20 मिनट तक चला और सारे विमान सुरक्षित लौट आए.

भारतीय वायुसेना के किसी भी विमान को एक भी खरोंच नहीं आई हैं. विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रेस वार्ता कर बताया, “बालाकोट का कैम्प जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा कैम्प था… इसे जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर संचालित कर रहा था, जो मारा गया है… ऑपरेशन का निशाना खासतौर से आतंकी अड्डे को बनाया गया था, ताकि नागरिकों को नुकसान न हो…” उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन पूरी तरह आतंकियों के खिलाफ था, न की कोई मीलिट्री ऑपरेशन.

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