
भोपाल । राज्य सरकार जुलाई के मानसून सत्र में बजट ला रही है। इसकी तैयारियों के दौरान 62 विभागों की करीब 120 करोड़ रु. के बजट वाली एेसी 150 से अधिक स्कीमें या मद सामने आए हैं, जो बरसों से विभागवार बजट पुस्तिका में तो हैं, लेकिन इसमें या तो एक रुपए टोकन के रूप में प्रावधान किया जा रहा है या बजट राशि ही खर्च नहीं की गई। इन स्कीमों को अब दूसरी चालू योजना में मर्ज किया जाएगा या उन्हें बंद किया जाएगा। बजट में आय के भी नए संसाधन जुटाने पर कवायद चल रही है।
वित्त विभाग का सुझाव है कि फाॅरेस्ट की बरसों से खाली जमीन और 2005 में बंद कर दिए गए मप्र सड़क परिवहन निगम की जमीनों को दूसरे उपयोग में लेकर राजस्व जुटाया जा सकता है। बता दें कि पिछले बजट में चिकित्सा शिक्षा में 29 स्कीमों में 4 समाप्त की गई थीं और 25 मर्ज की गईं।
पन्नाधाय-टंट्याभील के नाम की स्कीमें बंद होंगी :
अादिवासी महिलाओं के लिए बनी पन्नाधाय विशेष पोषण योजना और आंगनबाड़ी में इनके बच्चों को ड्रेस देने के लिए तीन साल पहले चलाई गई टंट्याभील यूनिफाॅर्म स्कीम बंद होंगी।
क्या सुधार ला रहे हैं बजट में, आने दीजिए देखेंगे : जयंत मलैया
दस साल वित्तमंत्री रहा। हमने भी कई एेसी स्कीमें जिनके मद अलग-अलग थे, उन्हें मर्ज किया। कांग्रेस की सरकार का यह पहला बजट होगा। वे जिन आर्थिकसुधारों की बात कर रहे हैं, वो बजट में दिखाई दें औरजनता को फायदा मिले, लेकिन यह सब सत्र के दौरान ही सामने आएगा। वैसे तो हालात अभी कुछ और ही हैं।-पूर्व वित्त मंत्री
केंद्र की बेटी पढ़ाओ में मर्ज होगी राज्य की स्वागतम लक्ष्मी :
शिवराज सरकार के समय 2015-16 में शुरू हुई स्वागतम् लक्ष्मी स्कीम और राज्य की बेटी बचाओ योजना को केंद्र सरकार की बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ में मर्ज किया जाएगा। स्वागत लक्ष्मी स्कीम में बेटी के जन्म के समय ही अस्पताल जाकर महिलाओं को झबला, लड्डू और कपड़े दिए जाते थे।
इन स्कीमों में एक-एक रु. के टोकन पर खुले थे मद :
- मध्यप्रदेश मध्यम वर्ग आयोग के लिए 2016 से बजट में एक रुपए के टोकन रखे जा रहे हैं।
- भारत भवन में कलाग्राम की स्थापना होनी थी, लेकिन एक रुपए का टोकन बजट दिया जाता रहा।
- राज्य मंत्रालय के पुस्तकालयों के अभिलेखों एवं दुर्लभ पुस्तकों के संरक्षण के लिए बजट प्रावधान तीन साल से नगण्य रहा।
- सार्वजनिक उपक्रम विभाग के अधीन टास्क फोर्स का गठन का मद।
- ग्वालियर में राजा मानसिंह कला केंद्र में भी एक रुपए ही रखा गया।
- स्व. देवी प्रसाद शर्मा स्मृति पुरस्कार योजना में एक लाख रुपए का बजट रखा गया, लेकिन खर्च नहीं हुआ।
- अमर शहीद चंद्रशेखर राष्ट्रीय सम्मान तीन साल पहले शुरु हुआ, पर बजट नहीं दिया गया। शेष | पेज 8 पर
- भीमा नायक प्रेरणा केंद्र में निर्माण और स्वाधीनता सेनानियों-महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि पर कार्यक्रम होने थे, नहीं हुए।
- सिंहस्थ 2016 में संगोष्ठी के आयोजन में 2016-17 में 28 लाख रुपए दिए गए। इसके बाद यह उपयोग हीन हो गया। बजट में यह मद खुला है और एक रुपए टोकन राशि दी जा रही है।
- चारा उत्पादन केंद्र भी नहीं खुले। भिखारियों के रहने के लिए भिछुक गृह खोले जाने थे जो नहीं खुले।
- दधीचि पुरस्कार योजना शुरू की गई। 2016-17 में दो लाख रुपए का प्रावधान किया गया जो खर्च नहीं हुए। अब टोकन राशि रखी जा रही है।