
नई दिल्ली। पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की भारत की कोशिशों को बड़ा झटका देते हुए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में ही बनाए रखने का फैसला किया है. पेरिस में एक सप्ताह तक चली बैठक के बाद शुक्रवार को यह फैसला किया गया है.बता दें कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान द्वारा आतंकी गतिविधियों के लिए ‘फंडिंग’ किए जाने की बात उठाई थी.भारत ने अपील की थी कि इस मामले में पाकिस्तान पर विशेष नज़र रखी जाए और सुनिश्चित किया जाए कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों के लिए दी जाने वाली फंडिंग को रोके.पाकिस्तान पहले से ही ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल है और उसके पास अक्टूबर तक का समय है अगर वह तब तक सुधार नहीं करता है तो उसे ‘ब्लैक लिस्ट’ में शामिल कर दिया जाएगा. इस वक्त तक उत्तर कोरिया और ईरान ब्लैक लिस्ट में शामिल हैं. अगर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाता है तो पाकिस्तान पर बड़ा असर पड़ सकता है. ब्लैक लिस्ट किए जाने के बाद अतरराष्ट्रीय बैंक पाकिस्तान से बाहर जा सकते हैं. पाकिस्तान का राजस्व घाटा बढ़ सकता है.
भारत ने अपनी मांग को उठाते हुए पुलवामा हमले का हवाला दिया था जिसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान की जमीन से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है. माना जा रहा है कि भारत ने इस मामले में सबूत भी पेश किए हैं और दिखाने की कोशिश की है कि कैसे पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को रोकने में असफल रहा है.बता दें कि एफटीए एक अंतरसरकारी एजेंसी है जिसको 1989 में बनाया गया था. 2001 में इसकी शक्ति को बढ़ाते हुए आतंकी गतिविधियों के होने वाली फंडिंग और मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ कार्रवाई करने के भी अधिकार दे दिए गए.