
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की ओर से भोपाल संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर क्लीनचिट मिल गई।
सीहोर जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) गणेश शंकर मिश्रा ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजी रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने मंदिर के बाहर 20-20 रुपए दो महिलाओं को दिए पर वोट की कोई अपील नहीं की। इसी तरह पांचीलाल मेड़ा पर सरकारी कर्मचारियों को धमकाने और आचार संहिता तोड़ने की शिकायत भी सही नहीं पाई गई। इसकी फाइल भी बंद कर दी गई है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि सीहोर कलेक्टर से रिपोर्ट मिल गई है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर जो शिकायत की गई, वो सही नहीं पाई गई। इसके पीछे आधार यह दिया गया कि वे अभी सिर्फ एक दल की ओर से प्रत्याशी बनाए गए हैं। उन्होंने नामांकन दाखिल नहीं किया है, इसलिए खर्च का पैमाना उनके ऊपर लागू नहीं होता है। इसके साथ ही उन्होंने परंपराओं के मुताबिक मंदिर के बाहर महिलाओं को 20-20 रुपए दिए पर कोई वोट की अपील नहीं की।
कार्यालय ने रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी है। वहीं, धरमपुरी से विधायक पांचीलाल मेड़ा को लेकर भाजपा ने थाने में पुलिस अधिकारियों को धमकाने और आचार संहिता का उल्लंघन करने की शिकायत की थी। धार कलेक्टर दीपक सिंह ने निर्वाचन कार्यालय भेजी रिपोर्ट में कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। न तो धारा 144 का उल्लंघन हुआ और न ही आचार संहिता का।
रिपोर्ट के आधार पर शिकायत की फाइल को बंद कर दिया गया है। उधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ की चुनावी सभा में धार्मिक चिन्हों का इस्तेमाल करने के मामले में छिंदवाड़ा कलेक्टर ने गुरुवार को भी रिपोर्ट नहीं भेजी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हिंदूवादी नेता करार देने और धार्मिक भावना के आधार माहौेल बिगाड़ने की शिकायत पर भोपाल कलेक्टर की ओर से अभी तक प्रतिवेदन नहीं भेजा गया।
सीधी और नरसिंहपुर कलेक्टर की शिकायत
इधर, प्रदेश भाजपा ने गुरुवार को सीधी कलेक्टर अमित सिंह और नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के खिलाफ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में शिकायत की। इसमें आरोप लगाया कि दोनों कलेक्टर कांग्रेस से प्रभावित होकर काम कर रहे हैं। सीधी कलेक्टर को लेकर कहा कि उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह ने पदस्थ करवाया है। सिंह के उनसे जातीय संबंध हैं।
दो दिन पहले बिना अनुमति अजय सिंह ने दो चुनावी सभाएं की। वहीं, भाजपा पदाधिकारियों को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। इसी तरह पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल ने शिकायत में कहा कि कलेक्टर दीपक सक्सेना प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव में पराजित प्रत्याशी लाखन सिंह पटेल के साथ अघोषित साझेदारी अवैध खनन को लेकर है। पटेल को अवैध तरीके से सुरक्षा गार्ड भी उपलब्ध कराया गया है। भाजपा ने दोनों अधिकारियों को हटाने की मांग की है।