
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि लोकतंत्र में आलोचना तो अच्छी और जरूरी है. लेकिन सबूत के बिना आरोप लगाया जाता है. उन्होंने कहा, ‘मेरे ऊपर केवल आरोप ही आरोप लगते रहते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में जहां सैनिक बलि चढ़ गए, तो क्या ये चुनाव का मुद्दा नहीं होगा. किसान मरे तो चुनाव का मुद्दा अगर जवान मरे तो क्या ये चुनाव का मुद्दा नहीं? हम आतंकवाद को भुगत रहे हैं. हम इसे जनता से छिपाने के बजाय इसपर अपने विचार रखेंगे. जम्मू कश्मीर की समस्या पंडित नेहरु के समय से देश के गले में अटकी है. क्या उसका सॉल्यूशन निकालने की जरूरत नहीं है?’
प्रधानमंत्री ने कश्मीर के मुद्दे पर कहा, ‘ अब वहां की जनता उन्हें (मुफ्ती और अब्दुल्ला) लीडर मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने जनता से पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने को कहा. वहां की जनता उनके कहने पर चलने को तैयार नहीं है. जब हमनें गर्वनर रूल में पंचायत के चुनाव कराएं तो मुफ्ती की पार्टी और अब्दुल्ला की पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया. उस समय भी लगभग 70-75 फीसदी मतदान हुआ. आज हजारों सरपंच जीतकर जम्मू कश्मीर में गांव का कारोबार चला रहे हैं. भारत सरकार
का सीधा पैसा उनके बीच पहुंचता है.
विपक्ष का आरोप है कि आप राष्ट्रीयता का मुद्दा चुनाव में लेकर आए हैं? इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया में एक छोटा सा वर्ग है, वे हर चीज में मोदी और सरकार को घेरती है. हमारे देश में बोफोर्स का मुद्दा था, रक्षा का मुद्दा था जो देश से जुड़ा हुआ है. उसी तरह से उन्होंने अपने पिता जी के पाप को ढोने के लिए राफेल का एक झूठा मुद्दा उठाया. छह महीने तक वे बिना सबूत के यही बोलते रहे. इसका मतलब उन्होंने राष्ट्रवाद के मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश की. एक प्रकार से उन्होंने जमीन जोत के रखी थी. अब ये मेरी कुशलता है कि मैं कौन का बीज बोऊं. उन्होंने दुनिया भर में चौकीदार को बदनाम किया और मैंने उसको आकर सही रूप दे दिया है.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज विश्व में भारत ने अपनी अलग जगह बनाई है. पहले हम एक दर्शक थे, अब हम एक प्लेयर हैं. आज दुनिया कह रही है कि भारत लीड कर रहा है. भारत के विजन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार हम एक ऐसा संकल्प पत्र लेकर आए हैं. जिसमें हमने देश को हिसाब देने का फैसला किया है. 2022 में आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं. देश में एक प्रेरणा का वातावरण बनाना चाहिए.’
पीएम ने कहा, ‘हमनें आजादी के 75वें साल तक 75 काम के संकल्प लिए हैं. जिसे हम पूरा करेंगे. 2022 तक हिंदुस्तान के हर परिवार को जिसके पास घर नहीं है, उसे पक्का घर देंगे. इसके तहत हम सभी को बिजली का कनेक्शन. कृषि क्षेत्र में किसान की आय हम दोगुनी करना चाहते हैं. उत्पादन को बढ़ाना, फूड प्रोसेसिंग, फूड स्टोरेज, पशुपालन पर ध्यान देना. हमनें नया दृष्टिकोष दिया है कि अन्न दाता ऊर्जा दाता बने. हम खेतों के बगल में खाली जगह पर सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन कर सकते हैं. यह किसानों के काम आएगी और अगर अतिरिक्त उत्पादन होगा तो राज्य सरकार उस बिजली को खरीदे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी लोगों को सामान्य मानवीय आवश्यकताएं चाहिए. जोकि बहुत पहले मिल जानी चाहिए थी. लेकिन, अभी तक नहीं मिल पाई है. पांच साल से मैं वहीं कर रहा हूं. हमनें घर, बिजली, शिक्षा, आदि चीजों पर काम किया है. पहला पांच साल मेरा आवश्यकताओं की पूर्ति का था और अगला पांच साल मेरा आकांक्षाओं की पूर्ति का होगा.
कांग्रेस की न्याय योजना पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जाने अनजाने में इस बात को स्वीकार किया है कि पिछले 50-55 साल तक एक परिवार के शासन में और 60-65 साल तक कांग्रेस के शासन में इस देश में घोर अन्याय किया है. अब जब उन्होंने घोर अन्याय किया है तो क्या वे इसे न्याय दे पांएगे?
1984 में सिख दंगों में कांग्रेस के कत्लेआम पर क्या कांग्रेस उन्हें न्याय दे पाएगी? इस देश में 100 से अधिक बार भारत के संविधान का दुरुपयोग करके उन्होंने 356 का उपयोग करके चुनी हुई सरकारों को तोड़ दिया. वे उस अन्याय पर क्या करेंगे? इस देश में उन्होंने हमेशा वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया है. जो भी राजनीतिक दल उभरकर सामने आया, उन्होंने उसे अपमानित किया. क्या वे उन्हें न्याय
दिला पाएंगे?
तीन तलाक के कारण जो माताएं बहनें बर्बाद हो गई हैं, वे उन्हीं के कारण है. वे उन्हें न्याय दिला पाएंगे
क्या? इसलिए कांग्रेस के लिए महंगा साबित होने वाला है.