
चाणक्य नीति में ग्यारहवें अध्याय के पहले ही श्लोक में 4 गुण बताए गए हैं जो सफल इंसान या किसी अच्छे लीडर में होते हैं। ये गुण सीखे नहीं जाते बल्कि कुछ खास लोगों में जन्मजात ही होते हैं। जिनके प्रभाव से हर काम में सफलता मिलती है। आज के समय में जॉब आैर बिजनेस या किसी अन्य क्षेत्र में भी इन गुणों के कारण सफलता मिलती है।
दानी होना – दान देना किसी व्यक्ति के स्वभाव में होता है, किसी भी इंसान की दान देना नहीं सिखाया जा सकता है। यह आदत उस इंसान के अंदर में होती है इसलिए किसी को दान देना नही सिखाया जा सकता।
निर्णय लेने की क्षमता – किसी भी व्यक्ति को निर्णय लेना कभी नही सिखाया जा सकता है। जो व्यक्ति उचित समय पर सही निर्णय लेता है, वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है।
धैर्य रखना- धैर्य रखना मनुष्य का सबसे अच्छा गुण माना जाता है। कठिन समय में अपने धैर्य को बनाए रखना से इंसान बुरे समय से निकल जाता है, लेकिन धैर्य को सिखाया नही जा सकता है यह गुण व्यक्ति के जन्म के साथ ही होता है।
मीठा बोलना – मीठा बोलना भी इंसान का सबसे बढ़िया गुण माना जाता है, यह गुण भी मनुष्य के स्वभाव में होता है किसी को मीठा बोलना कभी भी सिखाया नही जाता है।