कैंसर पीड़ित बच्चों की सेवा, एक कोशिश ऐसी भी…………

By | January 26, 2024

(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती )

वर्षा वर्मा का कहना है  जब जब मेडिकल कॉलेज के ऑनकोलॉजी डिपार्टमेंट पीडियाट्रिक वार्ड में जाने का दिन आता है, “मन बहुत भावुक हो जाता है, आंखें नम हो जाती हैं”। लेकिन जो भी समय उन नन्हे बच्चों के साथ बितता है, कहीं ना कहीं आत्म संतुष्टि की भावना भी आती है। कुछ देकर, या अपनी बातों से, उनको हंसा कर अगर हम उनके जीवन से एक क्षण के लिए भी दुख को जुदा कर पाते हैं, तो ऐसा कर पाने के लिए प्रभु का लाख-लाख शुक्रिया।

इस बार कैंसर पीड़ित बच्चों को ना सिर्फ थ्रेप्टिन बिस्किट, प्रोटीन पाउडर, सोया चुंक्स, दलिया, भुना चना, हॉर्लिक्स, ताजे फल बांटे गए, उसके साथ साथ माताओं बहनों के लिए सेनेटरी नैपकिन आदि खिलौने भी बांटे गए, ताकि बच्चे जब बोर हो तो इन चीजों से खेल कर अपना मन बहला ले। प्ले जोन की केयरटेकर ने बताया कि बच्चों को कॉमिक्स का शौक है, अबकी बार हम लोग कोशिश करेंगे कि इन सभी सामान के साथ-साथ कॉमिक्स भी बच्चों के लिए ले जाए।

  • कहीं पर जिसमें कैंसर पीड़ित बच्चे तोहफा पाकर बेहद खुश हैं।
  • कहीं पर बच्ची के होने वाले ऑपरेशन का खौफ उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा है।
  • कहीं पर मां जीने के लिए खाना ले तो रही है, परंतु आप इसलिए भरी है क्योंकि प्रोटीन पाउडर पीने के लिए उनका बच्चा अब बहुत दिन नहीं रहेगा। डॉक्टर साहब ने जवाब दे दिया है।
  • कई बार उन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश में खुद की आंखें नम हुईं।

चौक लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के Pediatric oncology डिपार्टमेंट में वह बच्चे जो किसी न किसी तरह के कैंसर से पीड़ित होते हैं। बच्चों को एक नई सेवा के तहत प्रति माह प्रोटीन पाउडर, थर्रपटीन बिस्किट्स, फ्रूट जूस/नारियल पानी, भुने चने, दलिया, केला, हॉर्लिक्स पाउडर आदि का प्रबंध संस्था द्वारा कराया जाएगा। Prof शैली अवस्थी जी, Head of department pediatrics केजीएमयू जी का पूरा सहयोग रहा।

ऐसे नन्हे बच्चों के वार्ड में जाने के लिए बहुत बड़े कलेजे की जरूरत पड़ती है। आपकी भर आती है, गला रूंधता है और मन में 100 बार एक ही सवाल उठता है कि इन नन्हे बच्चों ने आखिर क्या ऐसा गलत किया जो इतनी गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर जीवन बिस्तर पर कट रहा है। बेबस मां बाप टूट जाते हैं, इतना लंबा इलाज कराते कराते हैं, उनके घर बिक जाते हैं, नौकरी छूट जाती है, भागदौड़ और निराशा उनको अंदर से तोड़ कर रख देती है।

जीवन के सत्य को यदि बहुत करीब से देखना हो तो अस्पताल, शमशान घाट, न्यायालय जैसी जगहों के चक्कर लगा ले। खुद ब खुद आपके कदम सिर्फ सेवा और अच्छे पुण्य कमाने में लग जाएंगे। आपके सहयोग से यह सारी सेवाएं संपन्न हो पा रही हैं। आपका विश्वास यूं ही बना रहे, प्रभु की कृपा बनी रहे। प्रभु उन नन्हे-मुन्ने बच्चों को जल्द स्वस्थ करके एक आम जीवन यापन करने मैं मदद करें। बीमार बच्चों के माता-पिता को शक्ति दे, संपन्न बनाएं।

ऐसे ही किसी वास्तविक सेवा के लिए संपर्क कर सकते हैं, संपर्क सूत्र वर्षा वर्मा, 8318193805।

यह एक बहुत ही प्रेरणादायक लेख है।  वर्षा वर्मा ने कैंसर पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों की पीड़ा को बहुत ही मार्मिक ढंग से बयां किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि कैसे वे इन बच्चों की मदद करने के लिए काम कर रहे हैं। वर्षा वर्मा का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है। यह दिखाता है कि हम सभी को अपने आसपास के लोगों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए, खासकर उन लोगों की जो सबसे ज्यादा जरूरतमंद हैं।