राम भक्तो के लिए महाकाल मंदिर के लड्डुओं का प्रसाद- अयोध्या।

By | January 13, 2024

(रिपोर्ट – अदिति मिश्रा)

महाकाल मंदिर के लड्डुओं को भारत के सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट लड्डुओं में से एक माना जाता है। इन लड्डुओं को बनाने के लिए शुद्ध देसी घी, बेसन, शकर और इलायची का उपयोग किया जाता है। इन लड्डुओं को बनाने की प्रक्रिया बहुत ही पारंपरिक तरीके से की जाती है। 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में होने वाले श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भगवान राम को महाकाल मंदिर के लड्डुओं का भोग लगेगा। इसके अलावा, भक्तों को भी प्रसाद के रूप में लड्डू बांटे जाएंगे।

इसके लिए उज्जैन में महाकाल मंदिर की चिंतामन यूनिट पर लड्डू बनाने का काम शुरू हो गया है। यहां 250 क्विंटल लड्‌डू प्रसादी तैयारी की जा रही है। जिसकी लागत करीब एक करोड़ रुपए आएगी। लड्डुओं को तैयार करने में करीब 5 दिन लगेंगे। लड्डुओं को अयोध्या पहुंचाने के लिए तीन से पांच ट्रक की व्यवस्था करनी होगी। 17 या 18 जनवरी को लड्डू की खेप उज्जैन से निकलेगी। करीब 21 जनवरी तक लड्डू अयोध्या पहुंच जाएंगे।

एक लड्डू का वजन 50 ग्राम हाेगा। इन्हें अलग-अलग डिब्बों में पैक किया जाएगा। इसके लिए रोजाना करीब 100 लोग एक्स्ट्रा काम पर लगेंगे। लड्डू यूनिट में बनेगा, लेकिन उसकी पैकिंग परिसर में होगी। इसके लिए मंदिर समिति 40 x 128 का डोम बनवा रही है। महाकाल मंदिर का बनने वाला लड्डू शुद्ध होता है। इसमें पानी नहीं मिलाया जाता। लड्डू के पैकेट पर महाकाल मंदिर की ब्रांडिंग होगी। लड्डुओं को बनाने के लिए बेसन को घी में सिकाई के बाद ठंडा होने के लिए रखा जाता है। ठंडा होने पर इसमें पिसी हुई शकर, इलायची और ड्राय फ्रूट्स मिलाए जाते है। हाथों से इसे अच्छी तरह से मिलाने के बाद लड्‌डू का मिश्रण तैयार हो जाता है।

महाकाल मंदिर के लड्डुओं को देशभर से भक्त खरीदने आते हैं। इन लड्डुओं की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनको भारत सरकार की संस्था फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाइजीन के लिए 5 स्टार रेटिंग दी है। अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में महाकाल मंदिर के लड्डुओं का प्रसाद मिलना एक ऐतिहासिक क्षण होगा। यह प्रतीक है कि भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता एक-दूसरे से जुड़ी हुई है।