
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। हिंदू पक्ष के लिए यह फैसला बड़ा झटका है, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सर्वे के बाद मस्जिद को तोड़कर वहां मंदिर का निर्माण करवाया जा सकेगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सर्वे पर रोक लगा दी है, जिससे यह मामला और लंबा खिंचने की संभावना है।सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में दाखिल उस आवेदन पर भी सवाल उठाए जिसमें एक कमिश्नर की नियुक्ति में सर्वे की अनुमति मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के जजों की बेंच ने कहा कि आप कोर्ट कमिश्नर की डिमांड के लिए आवेदन नहीं दे सकते। यह बहुत ही विशेष उद्देश्य के लिए किया जाता है। आप हर चीज के लिए कोर्ट की तरफ नहीं देख सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कुछ कानूनी मुद्दों को भी उठाया है। कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट ने सर्वे की अनुमति देते समय कुछ कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। हिंदू पक्ष ने मथुरा की स्थानीय अदालत में पूरे 13.37 एकड़ पर पूरे मालिकाना हक का दावा किया था और कहा था कि यह सदियों पुराना स्थान हिंदूओं का है, जहां मस्जिद बना दी गई। मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का विरोध किया है और कहा है कि यह मस्जिद 17वीं शताब्दी में बनाई गई थी और यह एक धार्मिक स्थल है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को तय की है। इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि क्या मस्जिद के सर्वे की अनुमति दी जाए या नहीं।