
(रिपोर्ट-मोनिका दुबे)
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने के लिए किए गए प्रयासों ने शिक्षाधिकारियों को भी हैरान कर दिया है। शनिवार को परीक्षा न होने के बावजूद भी बोर्ड मुख्यालय प्रदेश भर के जिला विद्यालय निरीक्षकों के संपर्क में रहा। बाराबंकी के एक केंद्र में व्यवस्थापक की नियुक्ति को लेकर शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की गई। कमांड सेंटर से अब तक 7000 से अधिक परीक्षा केंद्रों की मॉनिटरिंग की जा चुकी है। 100 से अधिक केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से कमियों को पकड़ा गया है और उन्हें दूर किया गया है।
बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने कहा कि कुछ परीक्षा केंद्रों में स्ट्रांग रूम पर सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही दिखी है, जिसे दूर करने का निर्देश दिया गया है। परीक्षा केंद्रों की साफ-सफाई पर भी सख्ती से ध्यान दिया जा रहा है। बोर्ड सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। परीक्षा शुचितापूर्ण तरीके से हो और बच्चों को सही वातावरण मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। बोर्ड के सभी अधिकारियों को जिलेवार काम बांटा गया है। पिछले वर्ष प्रश्नपत्र के प्रारूप में बदलाव के बाद इस बार भी बोर्ड उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इसी वजह से कई जिलों के परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में रात में जांच की जा रही है। बोर्ड सचिव के निर्देश पर अब तक 7000 से अधिक परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूमों की जांच हो चुकी है। जहां भी बोर्ड को गड़बड़ी की शिकायत मिली है, वहां सीसीटीवी कैमरे से विशेष निगरानी रखी जा रही है।
बोर्ड सचिव ने बताया कि परीक्षा केंद्रों में प्रश्नपत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिलों में विशेष जांच दस्ता गठित किया गया है। इस दस्ते के अफसरों का नाम गोपनीय रखा गया है। यह दस्ता किसी भी समय परीक्षा केंद्रों पर जांच के लिए पहुंचने के लिए अधिकृत है। परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने के लिए किए गए प्रयासों से निश्चित रूप से यूपी बोर्ड की परीक्षाओं की विश्वसनीयता और शुचिता बढ़ेगी।