
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती )
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बैंकों का सीडी रेशियो (ऋण जमानुपात) 58.59% होने पर प्रसन्नता जताते हुए आगामी वित्तीय वर्ष में इसे 65% तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए बैंकों को हर संभव सहायता और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय साक्षरता का कवरेज सभी 75 जिलों तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । हर जरूरतमंद और ऊर्जावान युवा को ऋण के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए बैंकों को निर्देश दिए गए है। ‘वन जीपी-वन बीसी’ (एक ग्राम पंचायत-एक बीसी सखी) कार्यक्रम की सराहना, बीसी सखियों को और प्रोत्साहन देना ही सरकार की मंशा है । पेटीएम पेमेंट बैंक प्रकरण से प्रभावित बीसी सखियों की समस्याओं का तत्काल समाधान करने पर जोर दिया जा रहा है। बैंकों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कवरेज बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए है। 2016-17 में प्रदेश में 12.80 लाख करोड़ का बैंकिंग बिजनेस था जो आज 26.80 लाख करोड़ के पार हो गया है।
मुख्यमंत्री ने बड़ौदा-यूपी ग्रामीण बैंक और आर्यावर्त ग्रामीण बैंक को राज्यांश प्रदान किया। 1.10 लाख किसान क्रेडिट कार्ड, 1111 बैंकिंग आउटलेट का शुभारंभ और 10 बीसी सखियों को टूल किट वितरित किए गए। बैंकर्स कमेटी की बैठक राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रत्येक तीन माह में और जनपद में प्रत्येक माह करने के निर्देश दिए गए है। एचडीएफसी बैंक द्वारा 150 वनटांगिया गाँवों को अपनाने की प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया। वित्तीय स्थिति में सुधार हेतु 2016-17 में बैंकों द्वारा प्रदेश में कुल 137452 करोड़ ऋण वितरित किया गया था। जबकि 2022-23 में कुल 300430 करोड़ का ऋण दिया गया। और दिसंबर 2023 तक 298551 करोड़ का ऋण वितरित जा चुका है। 07 वर्ष में 2,42,097 नए बैंकिंग आउटलेट की स्थापना की जा चुकी है । 07 वर्ष में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 167 लाख नए लाभार्थी जुड़े। 07 वर्ष में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 459 लाख नए लाभार्थी जुड़े और केंद्र पोषित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में यूपी नम्बर एक बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बैंकों की स्थिति में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों से प्रदेश में बैंकिंग सेवाओं में सुधार होगा और अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।