बीजेपी और रालोद गठबंधन की राह पर !

By | February 7, 2024

(रिपोर्ट – अदिति मिश्रा)

लखनऊ.  एनडीए के बढ़ते कुनबे के बीच क्षेत्रीय दलों की महत्वाकांक्षाएं भी हिलोरें ले रही हैं। केंद्र में अपना खोया वजूद पाने का प्रयास कर रहा राष्ट्रीय लोकदल भी हर हलचल पर नजर रखे हुए है। रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी पूरे परिदृश्य को सधे अंदाज में देख रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में रोज नई सूचनाएं गूंज रही हैं। इसी बीच खबर है कि भाजपा के एक धड़े ने रालोद से नजदीकी बढ़ा दी है। रालोद को उप्र में पांच सीटों की पेशकश की गई है। रालोद के एनडीए के साथ जाने की नई चचर्चा उस समय तेज हुई जब 12 फरवरी को चौधरी अजीत सिंह की जन्मतिथि पर छपरौली में उनकी प्रतिमा के अनावरण का होने वाला कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। हालांकि, पार्टी की ओर से इसका कारण खराब मौसम बताया गया। कार्यक्रम में जयन्त चौधरी को आना था। हर जिले से कार्यकर्ता कार्यक्रम का प्रचार- प्रसार जोरशोर से कार्यकता कर रहे थे। बता दें कि रालोद का सपा से गठबंधन हो चुका है, लेकिन सपा की कुछ शर्तों के कारण गठबंधन में दरार नजर आने लगी है।
वहीं, अब भाजपा ने रालोद को पांच सीटें बिना शर्त देने की पेशकश की हैं। ये सीटें कैराना, बागपत,अमरोहा, मथुरा और मुजफ्फरनगर हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा का एक धड़ा रालोद को अपने खेमे में लाना चाहता है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अबकी बार 400 पार का लक्ष्य भेदने में आसानी होगी।

इस बीच समाजवादी पार्टी ने जयंत के एनडीए में शामिल होकर होने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं कि रालोद की भाजपा के साथ गठबंधन की बातचीत चल रही है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। रालोद के साथ हमारा सात सीटों पर समझौता हो चुका है,उन्होंने भी इस पर सहमति जताई है। राज्यसभा में भी सपा ने जयन्त चौधरी को भेजा है। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए(India) की बैठकों में भी जयन्त शामिल होते रहे हैं। ऐसे में सपा के साथ नाराजगी का तो कोई प्रश्न नहीं उठता है। दरअसल सच्चाई यह,है कि भाजपा का जन आधार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट लैंड में थोड़ा कम है l ऐसे में जयंत चौधरी को किसी ने किसी बड़े पद से नवाजा भी जा सकता है और इसी के जरिए भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी पकड़ को मजबूत करने में पूरी तरह से सफल भी हो सकेगी l