
मनीष गुप्ता (मुख्य संपादक)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इससे पहले वे सभी तरह की वैदिक अनुष्ठान का पालन करेंगे। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरूआत 16 जनवरी से ही हो चुकी है। पीएम मोदी 16 से 22 जनवरी तक सिर्फ 1 कंबल लेकर चारपाई पर सोएंगे और 22 जनवरी तक फलाहार का ही सेवन करेंगे। राम मंदिर अभिषेक समारोह के मुख्य यजमान अनिल मिश्रा जो अनुष्ठान शुरू करेंगे, उसमें राम लला को 10 अलग-अलग तरीकों से स्नान कराया जाएगा। नवग्रह कुंड में यज्ञ और हवन किया जाएगा। लक्ष्मीकांत दीक्षित के बेटे सुनील ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में लगभग 150 विद्वान भाग लेंगे। बता दें, लक्ष्मीकांत दीक्षित उन 5 लोगों में शामिल हैं जो रामलला के अभिषेक के दौरान मुख्य गर्भगृह में मौजूद रहेंगे। यह प्रार्थना 16 जनवरी से शुरू होकर 22 जनवरी की शाम तक जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री ने श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान की शुरुआत नासिक धाम-पंचवटी से की। उन्होंने कहा
“मैं भावुक हूँ, भाव-विह्वल हूँ! मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूँ”* “प्रभु ने मुझे सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है। ये एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है।”“प्राण प्रतिष्ठा का क्षण हम सभी के लिए एक साझा अनुभव होगा। मैं अपने साथ राम मंदिर के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले अनगिनत व्यक्तित्वों की प्रेरणा लेकर जाऊंगा”“जनता-जनार्दन में ईश्वर का रूप होता है, जब ईश्वर रूपी वही जनता शब्दों में अपनी भावनाएं प्रकट करती है, आशीर्वाद देती है, तो मुझमें भी नई ऊर्जा का संचार होता है। आज, मुझे आपके आशीर्वाद की आवश्यकता है।
‘यजमान’ की शुद्धि और अधिकार प्राप्त करने के लिए पूजा की जाएगी। साथ ही ‘प्रायश्चित’ प्रार्थना भी की जाएगी। विष्णु पूजा,’गोदान’ आदि इसके बाद किया जाएगा। इसके बाद मूर्ति को साफ किया जाएगा और मंदिर में ले जाया जाएगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने खुद ही ट्रस्ट से रीति-रिवाजों के बारे में पूछा था और पूरी जानकारी मांगी थी। प्रधानमंत्री 11 दिनों से उपवास कर रहे हैं और यम नियमों का पालन कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो कार्यक्रम से तीन दिन पहले पीएम मोदी बिस्तर पर नहीं सोएंगे। इस दौरान वह कठोर उपवास रखेंगे और केवल फलों का सेवन करेंगे। साथ ही पीएम मोदी लकड़ी की खाट पर कंबल बिछाकर ही सोएंगे। अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। यह कार्यक्रम 22 जनवरी तक चलेगा। इस कार्यक्रम में देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल होने की उम्मीद है। कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। पीएम मोदी ने खुद ही ट्रस्ट से रीति-रिवाजों के बारे में पूछा था और पूरी जानकारी मांगी थी। प्रधानमंत्री 11 दिनों से उपवास कर रहे हैं और यम नियमों का पालन कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो कार्यक्रम से तीन दिन पहले पीएम मोदी बिस्तर पर नहीं सोएंगे। इस दौरान वह कठोर उपवास रखेंगे और केवल फलों का सेवन करेंगे। साथ ही पीएम मोदी लकड़ी की खाट पर कंबल बिछाकर ही सोएंगे। प्राण प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान में किसी मूर्ति या प्रतिमा में प्राण का संचार किया जाता है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन 500 साल बाद हो रहा है। इस कार्यक्रम का देशभर के हिंदूओं के लिए विशेष महत्व है।