
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)
उत्तर प्रदेश सरकार के नोडल अधिकारी हरिकेश चौरसिया ने जिला बिजनौर में गौशालाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई निर्देश दिए। श्री चौरसिया ने कहा कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जरूरी है कि उनमें गायों की नर्सरी विकसित की जाए। इसके अलावा, गौशालाओं में गोबर और मूत्र का उपयोग खाद, गैस और अन्य उत्पादों के रूप में किया जाना चाहिए। इससे गौशालाओं को आर्थिक लाभ मिलेगा।
श्री चौरसिया ने यह भी कहा कि गौशालाओं के प्रति आमजन की सहभागिता बढ़ाने के लिए अभिभावकों को अपने बच्चों के जन्मदिन गौशालाओं में मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे बच्चों में गोवंशों के प्रति प्रेम और सेवा का भाव विकसित होगा। निरीक्षण के दौरान श्री चौरसिया ने दोनों गौशालाओं में व्यवस्थाओं की भी जांच की। उन्होंने पाया कि दोनों गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और साफ-सफाई, चारा-पानी आदि सभी व्यवस्थाएं सही हैं। श्री चौरसिया ने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिए गए निर्देशों की समीक्षा
श्री चौरसिया के निर्देश गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन निर्देशों का पालन करने से गौशालाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे अपने स्वयं के खर्चों को वहन कर सकेंगी। गायों की नर्सरी विकसित करने से गौशालाओं को दूध और अन्य उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। गोबर और मूत्र का उपयोग खाद, गैस और अन्य उत्पादों के रूप में करने से गौशालाओं को आय का एक अतिरिक्त स्रोत मिलेगा। अभिभावकों को अपने बच्चों के जन्मदिन गौशालाओं में मनाने के लिए प्रोत्साहित करने से गौशालाओं के प्रति आमजन की जागरूकता बढ़ेगी। इससे गौशालाओं को अधिक आर्थिक और सामाजिक समर्थन मिलेगा। श्री चौरसिया के निर्देशों से गौशालाएं अधिक कुशल और आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इससे गोवंशों के कल्याण में भी मदद मिलेगी।