
(रिपोर्ट – सिमरन जोशी)
प्रमुख बिंदु:
- योगी सरकार प्रदेश में तकनीकी शिक्षण तंत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- 47 आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में पीएसपी मॉड्यूल लागू किया जाएगा।
- इस मॉड्यूल के तहत एजेंसियां इन संस्थानों के संचालन और प्रशिक्षण प्रणाली को सुधारेंगी।
- पीएसपी मॉड्यूल लागू होने से एनसीवीटी और एआईसीटीई के मानकों का पालन सुनिश्चित होगा।
- आईटीआई और पॉलिटेक्निक में शॉर्ट टर्म करिकुलम और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- इस प्रक्रिया के तहत चयनित संस्थानों में वेतन, उपभोग्य वस्तुएं, बिजली, रखरखाव, अचल संपत्तियों से संबंधित सभी करों और लेवी का भुगतान पीएसपी द्वारा किया जाएगा।
- आईटीआई 2 शिफ्ट में संचालित होंगे जबकि पॉलिटेक्निक में हर दिन 1 शिफ्ट का संचालन होगा।
- भूमि और भवन के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही प्रबंधन प्रणाली को भी विकसित किया जाएगा।
- पीएसपी मॉड्यूल लागू होने से इन संस्थानों में शिक्षण और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा।
लाभ:
- प्रशिक्षुओं को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण मिलेगा।
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
- प्रदेश का तकनीकी शिक्षण तंत्र मजबूत होगा।
पीएसपी मॉड्यूल लागू करने से उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। यह मॉड्यूल प्रशिक्षुओं को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करेगा और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा। पीएसपी मॉड्यूल पहले से ही कुछ राज्यों में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। इस मॉड्यूल को लागू करने के लिए योगी सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह मॉड्यूल लागू होने से प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। योगी सरकार ने प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के तहत प्रदेश के छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। यह उम्मीद की जा सकती है कि पीएसपी मॉड्यूल लागू होने से उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।