
भोपाल/जबलपुर। अनुसूचित जाति-जनजाति (SC/ST) संशोधन अधिनियम के खिलाफ स्पाक्स संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ 6 सितंबर 2018 को ‘भारत बंद’ का समर्थन तथा विश्वविद्यालाय परिसर में जमकर नारेबाजी करना रानी दुर्गावाती विश्वविद्यालाय जबलपुर के उपकुलसचिव दीपेश मिश्रा को भारी पड़ता दिख रहा है। एक शिकायत के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले की जांच कराई है। इसमें दीपेश मिश्रा द्वारा स्पाक्स संगठन के साथ नारे लगाने की पुष्टि हुई है। ज्ञात हो कि इस दौरान पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू थी और बिना अनुमति धरना प्रदर्शन, रैली और समूह में एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कुलसचिव दीपेश मिश्र के विरुद्ध की गई शिकायत का जांच प्रतिवेदन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चुनाव आयोग को भेजा दिया गया है।
8 वर्षों से ट्रांसफर न होने का आरोप
शिकायतकर्ता ने उपकुलसचिव दीपेश मिश्रा पर आरोप लगाया है कि मिश्रा राजनैतिक पकड़ के चलते विगत 8 वर्षों से रानी दुर्गावाती विश्वविद्यालाय जबलपुर में जमे हुए है। जबकि इस दौरान रानी दुर्गावाती विवि में राज्यसेवा के 15 उपकुलसचिव आये और स्थानांतरित हो चुके है। जबकि फरवरी 2019 में ही चुनाव आयोग ने पिछले 4 वर्षों में एक ही जिले में 3 साल बिताने वाले अधिकारियों का तबादला करने का आदेश दिया था। जिसका पालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया गया।
शिकायत के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर उच्च शिक्षा विभाग ने रानी दुर्गावाती विश्वविद्यालाय से इस इस पूरे प्रकरण में जवाब तलब किया है। जिसके आधार पर उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों को गुमराह किया गया
शिकायतकर्ता का आरोप है कि जांच प्रतिवेदन के माध्यम से चुनाव आयोग के अधिकारियों को गुमराह किया गया हैै। उपकुलसचिव दीपेश मिश्रा की कार्यप्रणाली इनकी पदस्थापना के समय से ही संदिग्ध रही है। एक उप कुलसचिव द्वारा इस तरह का कार्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम के विरुद्ध है । इसके अलावा उपकुलसचिव का वर्ष 2011 से लगातार एक ही विश्वविद्यालय में पदस्थापना और इनका स्थानांतरण न होना भी आश्चर्य का विषय है। जांच प्रतिवेदन में पूर्णतः झूठे तथ्य प्रस्तुुुत किये गये हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि उच्च शिक्षा विभाग नेे भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली है।
कुलसचिव को तत्काल प्रभाव से करे निलंबित
उत्तरप्रदेश के औरैया थाने में दीपेश मिश्रा और उनके परिवार के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498 (अ) के तहत प्रकरण दर्ज है। अतः शिकायतकर्ता ने मांग की है कि मध्यप्रदेश सिविल सेवा प्रावधानों के अनुसार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
कार्यपरिषद सदस्य ने लगाए थे परीक्षा में धांधली के आरोप
16 मई 2018 को ईसी मेंबर अधिवक्ता संगीता जोशी ने रादुविवि कुलपति प्रोफेसर कपिल देव मिश्र को एक पत्र सौंपा, जिसमें दीपेश मिश्रा की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए थे तथा डिप्टी रजिस्ट्रार को तत्काल परीक्षा विभाग से हटाने की बात लिखते हुए कहा गया है कि मिश्रा पर परीक्षाओं में भारी धांधली करने के तथ्य सामने आए हैं।
डिप्टी रजिस्ट्रार पर पास कराने के नाम पर 80 हजार रूपए ठगने का आरोप
21 नवंबर 2017 को रानी दुर्गावाती विश्वविद्यालाय से एलएलबी कर रही एक महिला ने एक डिप्टी रजिस्ट्रार पर आरोप लगाया था कि परीक्षा में पास कराने उससे 80 हजार रूपए ले लिए और न पास कराया और न ही पैसे वापस कर रहा हैं। पैसे वापस लेने आई महिला का हंगामा देख दूसरी तरफ जनसुनवाई कर रहे अधिकारी जन-सुनवाई छोड़ भाग खड़े हुए थे।
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