“बारिश और सर्दी हमारे लिए जश्न की बात होती है, पुरानी छतों का न होना बुजुर्गों के लिए बेबसी की रात होती है”।
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती) वर्षा वर्मा कहती है बेहद पीड़ा दाई रहा कल का दिन , यू तो हर दिन ऐसे ही कामों को अंजाम देना होता है, परंतु कुछ कहानियां घर कर जाती है। निकले थे घर से एक महिला का रिस्क करने के लिए चारबाग स्टेशन पर परंतु जब इस पल के… Read More »