
भोपाल | मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के सभी सरकारी, निजी और अनुदान प्राप्त शेल्टर होम और बालिका छात्रावासों के निरीक्षण कराए जाने के आदेश दिए हैं। इन सभी स्थानों का सोशल ऑडिट भी कराया जाएगा। सीएम ने कहा है कि शेल्टर होम संचालित करने वालों की पृष्ठभूमि की भी जांच कराई जाए। इनमें रहने वाली बच्चियों से समय-समय पर संवाद स्थापित किया जाए, जिससे शेल्टर होम में होने वाली घटनाओं को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाता है तो इस तरह की घटनाएं होती हैं। भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान भोपाल, ग्वालियर समेत अन्य स्थानों पर शेल्टर होम में रहने वाली मूक बधिर बालिकाओं, मासूम छात्राओं के साथ हैवानियत की घटनाएं सामने आई। हाल ही में जावरा में भी ऐसी ही घटना सामने आई है। इस घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। अफसरों से कहा गया है की पूरी मुस्तैदी से काम करें। भविष्य में ऐसी घटनाएं सामने आई तो में जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करूंगा। नाथ ने कहा है कि सरकार इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाना चाहती है। हम चाहते हैं कि पिछली सरकार के समय व एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम को मिली मनमर्जी की छूट समाप्त हो।