
बिश्केक। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी किसी बहुपक्षीय बैठक (SCO Summit) में भाग लेने के लिए अपनी पहली यात्रा पर किर्गिस्तान गए हैं। इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को शामिल होना था। ऐसे में सबकी निगाहें इस पर थीं कि क्या पीएम मोदी और इमरान एक दूसरे से मिलेंगे। इस दौरान दोनों के बीच किसी तरह की मुलाकात या बातचीत नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार डिनर के दौरान दोनों नेताओं ने लगभग एक ही समय पर एंट्री की, लेकिन फिर भी दोनों ने हाथ मिलाना तो दूर नजरें भी नहीं मिलाई।
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया था कि पीएम मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के बीच कोई मुलाकात नहीं होने वाली है। इसके बाद पीएम मोदी इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार सुबह ओमान, ईरान और मध्य एशियाई देशों के रास्ते गए। इससे पहले उन्हें पाकिस्तान के रास्ते किर्गिस्तान जाना था। साथ उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भी उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान से बात करने का सही समय नहीं है।
न्यूनतम स्तर पर है भारत-पाक रिश्ता
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनके देश का भारत के साथ रिश्ता संभवत: सबसे निचले स्तर पर है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई है कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी अपने विशाल जनादेश का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दा सहित सभी मतभेदों का समाधान करने में करेंगे।
इमरान और मोदी किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की दो दिनों तक चलने वाली शिखर वार्ता में भाग लेने के लिए आए हुए हैं। बिश्केक जाने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए गए साक्षात्कार में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन ने उन्हें भारतीय नेतृत्व से बातचीत करने का मौका दिया है। इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध में सुधार हो सकेगा।
इमरान ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए ताजा मंच मुहैया कराया है। उन्होंने कहा कि इस घड़ी भारत के साथ हमारा द्विपक्षीय संबंध अपने निचले स्तर पर है।
इमरान
ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी प्रकार की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसी देशों, खास तौर से भारत के साथ शांति चाहता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को नुकसान पहुंचाया है और अब गरीबी के भयानक जाल में फंसे हैं।
विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान के बीच किसी द्विपक्षीय वार्ता की योजना नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी से कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता बहाल करने की मांग करते हुए इमरान दो बार पत्र लिख चुके हैं।
इमरान ने कहा कि वार्ता के जरिये शांति और मतभेदों का समाधान करने पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ हमारा मुख्य मतभेद कश्मीर को लेकर है और यदि दोनों देशों के प्रमुख समाधान करते हैं, यदि दोनों सरकारें फैसला लेती हैं तो मुद्दे का समाधान हो सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से हमें भारत की ओर से अभी तक बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली है। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वर्तमान प्रधानमंत्री बेहतर संबंध विकसित करने और क्षेत्र में शांति लाने में अपने जनादेश का इस्तेमाल करेंगे।’