गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी के खिलाफ कानून बना रहा मध्य प्रदेश, होगी 5 साल की सजा

By | June 27, 2019

भोपाल। मध्यप्रदेश देश में ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जहां गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ कानून बनेगा. कांग्रेस शासित इस प्रदेश में गौवंश की रक्षा के नाम पर लोगों पर किए जाने वाले जुल्म के खिलाफ कानून बनाने वाला पहला राज्य बनने की संभावना है. सरकार ने गोहत्या विरोधी कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार किया है ताकि हिंसा में लिप्त लोगों को या कानून का उल्लंघन करने वालों या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ दंडनीय अपराध के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सके.

सूत्रों ने बताया कि गौ हत्या विरोधी इस कानून में संशोधन के बाद इस तरह के पहले अपराध के लिए तीन साल और बाद के अपराधों के लिए पांच साल की सजा हो सकती है. कमलनाथ की कैबिनेट की बैठक में इस कानून में संशोधन को मंजूरी देने की संभावना है. वर्तमान में, ऐसे अपराधों से आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं के तहत निपटा जाता है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे दिशा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कहा था कि ‘भीड़तंत्र की घिनौनी हरकतें’ को कानून के शासन को खत्म करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने भीड़ को शांत करने और गौ रक्षकों से सतर्कता के साथ निपटने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. कोर्ट ने इसके अलावा केंद्र को इससे सख्ती से निपटने के लिए नए कानून पर विचार करने के लिए भी कहा था. शीर्ष अदालत ने केंद्र को इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए बचाव के उपाय करने, सुधारात्मक और दंडात्मक उपाय’ करने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.

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