
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि,’मायावती के सामने अखिलेश की कोई हैसियत नहीं है. मायावती के कमरे में अखिलेश यादव जूते उतारकर जाते हैं. कमरे में मायावती के सामने अखिलेश छोटी कुर्सी पर बैठते हैं. यही उनकी हैसियत भी है.’ एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में योगी ने कहा, ”प्रधानमंत्री बनने के लिए 272 सीटें चाहिए. सरकार बनाने की क्षमता केवल भाजपा में ही है. जो 37-38 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, क्या वे प्रधानमंत्री बनेंगे?”
बाबर की औलाद वाले बयान पर चुनाव आयोग की नोटिस पर योगी ने कहा, “आपसी बातचीत को कहीं कोट करना आचार संहिता में नहीं आता. कोई भजन करने के लिए जाता है क्या मंच पर, उखाड़ देने के लिए और अपने विरोधी को घेरने के लिए मंच पर जाता है. विपक्ष 2014 व 2017 में हारा. वे 2019 और 2022 में भी हारेंगे. 2024 में भी उनकी हार के लिए नींव रख दी गई है.
समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ प्रियंका गांधी के मंच साझा करने पर योगी ने कहा कि सपा और बसपा ने अमेठी-रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. ये सभी पार्टियां केवल वोट कटवा की भूमिका अदा कर रहीं हैं। ये चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि वोट कांटने के लिए मैदान में हैं.
योगी ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी इस बार लग रहा है कि वे अमेठी की सीट नहीं बचा पाएंगे. टक्कर तो रायबरेली में है, लेकिन यह सीट भी निश्चित तौर पर भाजपा के खाते में ही आएगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी की तुलना में अमेठी में कुछ काम नहीं किया. वहां की जनता बदलाव चाहती है और स्मृति ईरानी वहां की जनता के लिए एक सही विकल्प के तौर पर उभरीं हैं.