
नई दिल्ली. लोकसभा की कार्यवाहीगुरुवार दोपहर से शुरू होकर रात 11.58 बजे तक चली। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के मुताबिक, लोकसभा में बीते 18 साल में पहली बार इतनी देर तक कार्यवाही हुई। इस दौरान 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के लिए अनुदानों की मांगों पर चर्चा चली। कांग्रेस, तृणमूल और अन्य विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर रेलवे को निजी हाथों में बेचने का आरोपलगाया।
विपक्षके मुताबिक, सरकार आम बजट में रेलवे में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी), निगमीकरण और विनिवेश पर जोर देने की आड़ में निजीकरण की ओर ले जा रही है। सरकार की मंशा रेलवे को निजी हाथों में देना है। सरकार को बड़े वादे करने की बजाय रेलवे की वित्तीय स्थिति सुधारना चाहिए। विपक्ष ने एनडीए सरकार पर लोगों को बुलेट ट्रेन जैसे झूठे सपने दिखाने का भी आरोप लगाया।
कार्यवाही में 100 सदस्यों ने हिस्सा लिया
विपक्ष के आरोपों का जवाब भाजपा सांसद सुनील कुमार सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के मुकाबले इस बार रेलवे का काम बहुत अच्छे से चल रहा है। नेशनल ट्रांसपोर्टर्स ने नए आयाम स्थापित किए हैं। पिछले पांच सालों में रेल हादसों में भी 73% की कमी आई। लोकसभा की कार्यवाही में करीब 100 सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया और अपने अपने क्षेत्रों से जुड़े विषयों को उठाया।