
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को संसद भवन पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। कमलनाथ की मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री से यह पहली मुलाकात थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक चर्चा हुई। इस बीच कमलनाथ ने भावांतर भुगतान योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017 में मध्य प्रदेश को केंद्र से मिलने वाले बकाया 575 करोड़ रुपए की जल्द से जल्द दिलाने की मांग की। साथ ही राज्य की खनिज गतिविधियों से जुड़ी मंजूरी दिलाने की भी मांग रखी।
कमलनाथ पहुंचे लोकसभा
संसद भवन पहुंचे कमलनाथ इस दौरान कुछ समय के लिए लोकसभा भी गए। फिलहाल वह मध्य प्रदेश के छिंदवाडा से लोकसभा के सदस्य है। अभी उन्होंने इस पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में की मुलाकात
पीएम मोदी से मुलाकात में कमलनाथ ने उनके सामने कुछ और मांगे रखी। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) को लेकर पहले की घोषणाओं की भी याद दिलाई। साथ ही बताया कि भावांतर भुगतान के तहत केंद्र को आधी राशि देनी थी। इसके तहत राज्य को कुल 975 करोड़ रुपए मिलना था, लेकिन अब तक उसे सिर्फ 400 करोड़ ही मिला है। ऐसे में बाकी के 575 करोड़ उन्हें जल्द दिलाए जाएं।
प्रधानमंत्री को सौंपे पत्र में कमलनाथ ने खनिज की प्रदेश में रूकी पड़ी गतिविधियों की ओर से ध्यान दिलाया और कहा कि मध्य प्रदेश खनिज उत्पादक राज्य है। ऐसे में उसके लिए मंजूरी में देरी से नुकसान हो रहा है।
दिल्ली पहुंचे कमलनाथ ने इस दौरान संसद के बाहर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर पत्रकारों से चर्चा की। कहा कि उनके साथ जो हो रहा है वह गलत है। संघीय ढांचे को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने ममता बनर्जी से इस संबंध में बात की है। वह पूरी तरह से उनके साथ है।