
नई दिल्ली । सरकार ने संसद में कहा है कि किसी भी विदेशी सरकार या संस्था को जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने पर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. क्योंकि यह भारत के संविधान से जुड़ा मसला है और इसपर कोई भी निर्णय केवल भारतीय संसद ले सकती है.
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को दिए एक लिखित जवाब में बताया है कि ‘जम्मू और कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है.’
केवल भारतीय संसद ले सकती है जम्मू-कश्मीर के बारे में फैसला
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और धारा 35A हटाना किसी भी तरह से संयुक्त राष्ट्र के किसी नियम या देश के किसी अंतरराष्ट्रीय कर्तव्य का उल्लंघन है. इस पर गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने कहा है, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. किसी भी विदेशी सरकार या संस्था को जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने पर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. क्योंकि यह भारत के संविधान से जुड़ा मसला है और इसपर कोई भी निर्णय केवल भारतीय संसद ले सकती है.
गृहमंत्री अमित शाह भी धारा 370 को बता चुके हैं अस्थायी प्रावधान
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने भी धारा 370 को संविधान का एक ‘अस्थायी प्रावधान’ बताया था.
ये दो धाराएं जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के स्थायी नागरिकों की पहचान में भी मदद करती हैं. साथ ही ये राज्य को गैर जम्मू-कश्मीर नागरिकों को यहां पर प्रॉपर्टी खरीदने और नागरिकों को जॉब में आरक्षण देने में भी मदद करती हैं.
पुलवामा के बाद से 93 आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में मार चुके हैं सुरक्षाबल
एक अलग सवाल का जवाब देते हुए, रेड्डी ने कहा कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद, तब से अभी तक भारतीय सुरक्षाबलों ने 93 आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में मार गिराया है.
4 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत एक कार बम के जरिए किए गए आतंकी हमले में हो गई थी. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी.