
भोपाल। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है, आए दिन अधिकारियों, नेताओं और कर्मचारियों के रिश्वत और छापे मामले सामने आ रहे है। हालांकि अब भी कई ऐसे मामले है जिन पर कार्रवाई होना है, लेकिन सरकार की तरफ से स्वीकृति न मिल पाने के चलते पेंडिंग पड़े है। ऐसे में सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिसके बाद भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों, नेताओं और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
इस मामले में मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने आज मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार में फंसे अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही सारे विभागों को पत्र लिखकर निर्देश दिए जाएंगे और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश करने की अनुमति दी जाएगी ताकी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। इससे भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारीयों औऱ नेताओं का खुलासा हो सकेगा।
अब तक कई मामले हो चुके है उजागर
बता दे कि बीते एक हफ्ते में कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके है। आज ही हाउसिंह बोर्ड के दो इंजीनियर भाईयों के यहां लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमार कार्रवाई की और करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया। इससे पहले मंगलवार को लोकायुक्त की टीम ने सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुनील व्यास के घर और दफ्तर पर छापा मारा था। छापे में करोड़ों की बेनामी संपत्ति, प्रॉपर्टी के दस्तावेज, बैंक अकाउंट और लॉकर्स की जानकारी मिली थी। वही बीते हफ्ते जबलपुर में ईओडब्ल्यू द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में पीएचई विभाग के रिटायर्ड अधिकारी सुरेश उपाध्याय पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें करोडों की संपत्ति का खुलासा और भाजपा नेताओं से कनेक्शन की बात सामने आई थी। इसके पहले भी दर्जनों मामलों में कार्रवाई हो चुकी है।
उम्र बढाने वाले मामले में कैबिनेट में होगा फैसला
मंत्री गोविन्द सिंह ने मध्य प्रदेश के मूल निवासियों के लिए सरकारी नौकरी की उम्र फिर 40 वर्ष किए जाने को लेकर कहा कि राज्य स्तरीय आयु निर्धारण समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है, और जल्द ही इस मामले में कैबिनेट में फैसला होगा। बता दे कि राज्य सरकार ने शासकीय सेवाओं में आयु सीमा नए सिरे से तय की थी। जिसमें दूसरे राज्यों के युवाओं के लिए एमपी पीएससी से सीधी भर्ती के पदों पर आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 35 कर दी थी। जबकि मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए पहले से तय आयु सीमा 40 से घटाकर 35 कर दी थी। इस फैसले से युवाओ में खासी नाराजगी थी।जिसके चलते सरकार इसमें बदलाव करने का विचार कर रही है।