
जांच की जद में पूर्व मंत्री और अफसर?
1-पीएचई विभाग में 1800 करोड़ का घोटाला
इस विभाग के 3 टेंडरों में टेंपरिंग कर घोटाला किया गया.ये टेंडर द हयूम पाइप लिमिटेड और मेसर्स जेएमसी लिमिटेड मुंबई को दिए गए थे. इस घोटाले में विभागीय मंत्री के साथ तत्कालीन प्रमुख सचिव की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
2-जल संसाधन विभाग में 1135 करोड़ का घोटाला
इस विभाग के 2 टेंडरों में छेड़छाड़ कर मेसर्स जीवीआरपी लिमिटेड हैदराबाद, सोरठिया वेलेजी प्राइवेट लिमिटेड बड़ौदा को दिए गए थे.जांच में विभागीय मंत्री के साथ जिम्मेदार आईएएस और एसएएस अफसरों की भूमिका संदिग्ध मिली.
3-पीडब्ल्यूडी में 37 करोड़ का घोटाला
इस विभाग के टेंडरों में छेड़छाड़ कर मेसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड, राजकुमार नरवानी लिमिटेड भोपाल को दिए गए थे.तत्कालीन मंत्री के साथ विभाग के पीएस, एमडी और संचालक भी जांच के दायरे में आ गए हैं.
कमलनाथ सरकार इस घोटाले में शामिल शिवराज सरकार के पांच अफसरों को हटा चुकी है. अब नई टीम के साथ ईओडब्ल्यू तेजी से जांच कर रहा है.