
भोपाल : प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा जिताउ चेहरे की खोज में जुट गए हैं। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया भले ही नए चेहरों को आगे बढ़ाने की वकालत करते हों लेकिन कांग्रेस के नेताओं को पुराने चेहरों पर ही भरोसा है। लोकसभा प्रभारियों ने अपने स्तर पर जो संभावित उम्मीदवार तलाशे हैं उनमें ज्यादातर पुराने नेता ही शामिल हैं।
पीसीसी को भी २९ सीटों के लिए २९ दावेदारों के बायोडाटा मिल चुके हैं। वहीं भाजपा के सामने भी इस बार जिताउ चेहरों का संकट दिखाई दे रहा है। इस बार टिकट अमित शाह के कार्यालय से ही तय होने वाले हैं, शाह ने नए चेहरों को खोजने के लिए अपनी टीम लगा दी है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार आधे मौजूदा सांसद मैदान में नजर नहीं आने वाले।
– कांग्रेस में इन नामों की सिफारिश :
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को भोपाल और राजगढ़ से लड़ाने की सिफारिश की गई है,कांग्रेस को लगता है कि भोपाल में बड़े चेहरे को ही चुनाव में उतारने से जीत की उम्मीद नजर आती है। कांग्रेस भोपाल के लिए अभी भी बाबूलाल गौर पर उम्मीद टिकाए हुए है, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि भाजपा ने ७५ पार वालों को जिम्मेदारी देने से मना कर दिया है तो वे एक बार फिर गौर से कांग्रेस के टिकट पर लडऩे की गुजारिश करेंगे। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा को जबलपुर से लड़ाने के लिए कहा जा रहा है,हालांकि तन्खा ने संगठन को पहले ही लोकसभा चुनाव न लडऩे की इच्छा जाहिर की है।
दिग्विजय सिंह होशंगाबाद से रामेश्वर नीखरा को टिकट दिलाना चाहते हैं,नीखरा दो बार यहां के सांसद रह चुके हैं। सुरेश पचौरी भी होशंगाबाद से चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं। भाजपा से कांग्रेस में आए सरताज सिंह भी लोकसभा चुनाव के लिए जोर लगा रहे हैं।
मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन,धार से गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, खंडवा से अरुण यादव, सीधी या सतना से अजय सिंह, मुरैना से रामनिवास रावत,दमोह से मुकेश नायक और ग्वालियर से अशोक सिंह के नाम दिए गए हैं। छिंदवाड़ा से नकुल नाथ,गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और रतलाम से कांतिलाल भूरिया के सामने किसी और ने दावेदारी भी नहीं की। टीकमगढ़ से कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी और बर्खास्त आईएएस शशि कर्णावत के नाम सामने आए हैं। देवास से मंत्री सज्जन सिंह वर्मा अपने पुत्र को तो उज्जैन से मंत्री तुलसी सिलावट अपने पुत्र को टिकट चाहते हैं। विदिशा से राजकुमार पटेल का नाम सामने आया है।
कांग्रेस में राहुल-कमलनाथ की जोड़ी :
कांग्रेस सभी नेताओं को साथ लेकर चुनाव लड़ेगी लेकिन प्रचार अभियान के केंद्र में राहुल गांधी और कमलनाथ की जोड़ी ही नजर आएगी। प्रियंका गांधी के कटआउट भी बड़े पैमाने पर बनाए जा रहे हैं। कई लोकसभा क्षेत्रों से अभी से प्रियंका गांधी की सभाएं कराने मांग आने लगी है। मध्यप्रदेश में राहुल-प्रियंका की ज्यादा से ज्यादा सभाएं होंगी।
शाह के सर्वे में नए चेहरों की खोज :
अमित शाह की टीम लोकसभा क्षेत्रों में नए चेहरों को तलाशने के लिए सर्वे कर रही है। टिकट तय करने की पूरी कमान अमित शाह ने अपने हाथों में लेकर रखी है। प्रदेश के २६ में से आधे सांसदों की टिकट कटना तय मानी जा रही है। बैतूल से ज्योति धुर्वे, सागर से लक्ष्मीनारायण यादव, भोपाल से आलोक संजर, भिंड से भागीरथ प्रसाद, खजुराहो से नागेंद्र सिंह, देवास से मनोहर उंटवाल, विदिशा से सुषमा स्वराज, बालाघाट से बोधसिंह भगत, मुरैना से अनूप मिश्रा, होशंगाबाद से राव उदयप्रताप सिंह,शहडोल से ज्ञान सिंह, राजगढ़ से रोडमल नागर,धार से सावित्री सिंह और सीधी से रीति पाठक पर टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है। उंटवाल और नागेंद्र सिंह अब विधायक बन चुके हैं।
भाजपा के पोस्टरों से शिवराज नदारद :
भाजपा कार्यालय से संपकल्प पत्र लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने २९ रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन रथों की सुझाव पेटी लगाई गई है जिसमें लोग भाजपा के संकल्प पत्र के लिए अपने सुझाव डाल सकेंगे,इसके अलावा मिस्ड कॉल भी कर सकेंगे। शिवराज ने अपना सुझाव भी पेटी में डाला। इस मौके पर भारत के मन की बात के जो पोस्टर लगे थे उनमें से शिवराज नदारद थे। इन पोस्टरों में सिर्फ पीएम मोदी ही नजर आ रहे थे। मंच पर अकेले मोदी की तस्वीर थी, आंकाक्षा पेटी में भी मोदी और संकल्प पत्र रथ में भी सिर्फ नमो ही नमो थे।
इससे पहले २०१४ के चुनावों में मोदी के साथ शिवराज नजर आते रहे हैं,प्रदेश में भाजपा ने एक और एक ग्यारह का नारा भी दिया था। इस मौके पर शिवराज ने कहा कि राहुल गांधी ठगबंधन बनाकर मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। एक भी किसान के खाते में कर्ज माफी का पैसा नहीं गया इसलिए राहुल मुख्यमंत्री को हटाएं। शिवराज ने कहा कि कांग्रेस नए जुमले फेंक रही है, देश क्रिकेट नहीं है जो फ्रंट फुट पर खेलकर छक्के मारने की बातें कर रहे हैं। काम करे जो,उम्मीदें उसी से हो,ये जनता तय करेगी।
भोपाल में गुमशुदा सुषमा के पर्चे :
चुनाव आने के साथ ही एक बार फिर विदेश मंत्री और विदिशा सांसद सुषमा स्वराज की गुमशुदगी के पर्चे छपने लगे हैं। गुमशुदा हैं सुषमा और आओ विकास खोजें यात्रा के नारों के साथ विदिशा और भोपाल में पोस्टर लगे नजर आने लगे हैं। इसमें लिखा है कि रायसेन-विदिशा में सुषमा ने बनाया बहाना, न रेल मिली न मिला कारखाना।
– लोकसभा प्रभारियों ने सीधे दीपक बावरिया को उम्मीदवारों के नामों का पैनल भेजा है। पीसीसी में भी २९ दावेदरों ने टिकट देने की मांग के साथ आवेदन किए हैं। – चंद्रप्रभाष शेखर संगठन प्रभारी,कांग्रेस –
– ये लोकसभा का चुनाव है इसलिए पोस्टर में अकेले नरेंद्र मोदी नजर आ रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में पूरी तरह सक्रिय हैं और प्रमुख भूमिका में हैं। पार्टी आंकलन कर जिताउ चेहरों को टिकट देगी।
– विजेश लुनावत प्रदेश उपाध्यक्ष,भाजपा –