
भोपाल। टिकट बंटवारे की घड़ी आते ही नेताओं की धड़कने तेज़ हो गई हैं. सबसे ज्यादा पतली हालत उन सांसदों की है जिन पर टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है. बीजेपी में 29 लोकसभा सीटों के लिए हुई फीडबैक बैठक में ये बात सामने आई है कि करीब 15 सांसदों के टिकट कट सकते हैं.
दरअसल, टिकट के लिए जोरआजमाइश का खेल शुरु हो गया है. कई नए दावेदार मैदान में हैं तो कुछ मौजूदा सांसदों के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है. बीजेपी में हुई 29 लोकसभा सीटों के फीडबैक बैठकों में ये बात सामने आई है कि 15 सांसदों के खिलाफ निगेटिव फीडबैक मिला है.
इसके साथ ही नमो एप के जरिए हुए सर्वे पीपुल्स पल्स में भी सांसदों के कामकाज का फीडबैक पीएम मोदी तक पहुंच चुका है. इस आधार पर कई नेताओं की सांसदी पर संकट के बादल हैं. हालांकि बड़े नेताओं की मानें तो टिकट देने या न देने का फैसला केंद्रीय आलाकमान करेगा.
बीजेपी में जिन सांसदों के खिलाफ निगेटिव फीडबैक है और जिनके टिकट पर खतरा मंडरा रहा है उनमें,
भिंड सांसद डॉ भागीरथ प्रसाद
सागर सांसद लक्ष्मीनारायण यादव
शहडोल सांसद ज्ञान सिंह
बालाघाट सांसद बोध सिंह भगत
बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे
खरगौन सांसद सुभाष पटेल
धार सांसद सावित्री ठाकुर
मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता
भोपाल सांसद आलोक संजर
राजगढ़ सांसद रोडमल नागर
होशंगाबाद सांसद राव उदय प्रताप सिंह
देवास सांसद मनोहर ऊंटवाल विधायक बन चुके हैं
खजुराहो सांसद नागेंद्र सिंह विधायक बन चुके हैं
विदिशा सांसद सुषमा स्वराज चुनाव लड़ने से मना कर चुकी हैं।
इन सबके बीच वो दावेदार भी सामने आ रहे हैं जो टिकट पाने की ख्वाहिश रखते हैं और बड़े नेताओं की परिक्रमा में लगे हैं. उधर कई ऐसी सीट भी हैं जहां बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. चुनाव में बीजेपी को उम्मीदवारों के टिकट तय करने से ज्यादा नेताओं के आपसे झगड़े निपटाने में मेहनत करनी पड़ रही है. आलम ये है कि झगड़े चुनावी हार का कारण न बन जाए इसलिए बाकायदा दिग्गजों को जिम्मेदारी दी गई है.