
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद लोकसभा में बीजेपी की साख बचाने की जिम्मेदारी फिर संघ के जिम्मे है. संघ ने लोकसभा के सियासी समीकरणों को समझते हुए प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर अपने पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई है.
दरअसल, इस मुहिम में संघ से जुड़े अनुषांगिक संगठनों के ज्यादातर बड़े नाम शामिल हैं. जो हर लोकसभा सीट पर जाकर एक और बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे तो दूसरी और विधानसभा में हार की सबसे बड़ी वजह भीतरघात और बगावती सुरों को साधने की कोशिश करेंगे.
संघ ने विधानसभा के वक्त मंत्रियों को ये जिम्मेदारी थी वो डैमेज कंट्रोल करें लेकिन वो उसमें नाकाम रहे. हार के चलते संघ ने अब खुद जिम्मा उठाया है और वो डैमेज कंट्रोल के साथ ही एनजीओ से मुलाकात कर बीजेपी के पक्ष में माहौल भी तैयार कर रहे हैं. नोटा को लेकर भी संघ घर घर जाकर नोटा बटन न दबाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है. क्योंकि विधानसभा में नोटा ने बीजेपी के कई दिग्गजों का खेल बिगाडा़ था.
कहां किसकी ड्यूटी
-रीवा में विद्या भारती के पूर्व प्रांत सचिव संतोष अवधिया को जिम्मा
– सागर में विभाग कार्यवाहक डॉ सुशील भार्गव
– दमोह में भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी भरतजी
– सीधी में जिला संघचालक पुष्पराज सिंह
– सतना में प्रांत संघचालक उत्तम बनर्जी
– शहडोल में विभाग कार्यवाहक अजय दास
– तो मंदसौर में विभाग प्रचारक योगेश शर्मा को मिली जिम्मेदारी
वहीं संघ के बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने को लेकर पार्टी का कहना है कि संघ स्वयं सेवी संगठन है जो कभी राजनीति नहीं बल्कि लोगों को जागरुक करने का काम करता है. तो वहीं कांग्रेस ने इस मामले में संघ को आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस का कहना है कि संघ कहने मात्र को स्वयंसेवी है लेकिन काम बीजेपी के करता है और अगर संघ को बीजेपी का प्रचार है करना है था जो उसे खुद अब चुनावी मैदान में आ जाना चाहिए.