
भोपाल.मध्यप्रदेश में बिजली गुल होने और अघोषित कटौती में सुधार को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नाराजगीजताई है। उन्होंनेमंगलवार को इस संबंध में अहम बैठक बुलाई है। इसमें अलग-अलग बिजली कंपनियों के अफसरों को मौजूद रहने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार कोअधिकारियों से कहा, “सरप्लस बिजली होने के बाद प्रदेश के कई हिस्सों से बिजली गुल औरकटौती के मामले सामने क्यों आ रहे हैं? इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। जिम्मेदार अधिकारी स्थिति में सुधार लाएं वरना कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।”
दरअसल, प्रदेश में रविवार को कई स्थानों पर आंधी और बारिश के बाद बिजली कई घंटे गुल रही। साथही अघोषित कटौती के मामले सामने आए थे। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी दिखाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को कहा कि किसी भी प्रकार के फॉल्ट और तकनीकी खामी के चलते अगर बिजली वितरण में व्यवधान होता है तो ये समझा जा सकता है, लेकिन बगैर किसी वजह के अगर बिजली गुल रहती है। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और खेती के लिए कम से कम 10 घंटे बिजली दी जाए।
गोपाल भार्गव का तंज
नेता प्रतिपक्ष ने शायर राहत इंदौरी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस सरकार पर तंज करते हुए कहा किसरकार के कुप्रशासन का कुप्रभाव है। वचन दिया था कि सरकार बनी तो बिजली बिल आधा कर दिया जाएगा पर इन्होंने तो प्रदेश की बिजली ही आधी कर दी।
राहत इंदौरी ने जताया था दुख : रविवार को हुई बारिश के बाद भी कई इलाकों में बिजली चली गई। इस पर शायर राहत इंदौरी ने ट्वीट करबिजली गुल होने का दर्द बयां किया था। उन्होंने लिखा था, “आजकल बिजली जाना आम हो गया है। आज भी तीन घंटों से बिजली नहीं है…. गर्मी है, रमजान भी है…. बिजली कंपनी इंदौर में भी कोई फोन नहीं उठा रहा है…. कुछ मदद करें। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सही कहा था …मप्र में कांग्रेस की सरकार आ गई है। इनवर्टर का इंतजाम कर लो। उन्होंने यह ट्वीट मुख्यमंत्री कार्यालय, ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह को टैग करते हुए किया था।”
पिछले साल की तुलना में बिजली की आपूर्ति अधिक : एमडी
भीषण गर्मी और कई स्थानों पर अघोषित बिजली कटौती के मामले सुर्खियों में आने के बीच एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक सुखवीर सिंह ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष अप्रैल व मई माह में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 70 करोड़ यूनिट (12 प्रतिशत) अधिक बिजली आपूर्ति की गई।उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रदेश में बिजली की मांग में भी औसतन 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। उन्होंने कहा की आने वाले मानसून को ध्यान में रख कर प्रदेश के सभी क्षेत्रों में प्रत्येक फीडर का मेंटेनेंस किया जाना अति आवश्यक है।
इसी क्रम में पावर मैनजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक व प्रदेश की तीनों डिट्रीब्यूशन कंपनियों के अध्यक्ष सुखवीर सिंह ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में बिजली की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है। इस वर्ष बिजली की अधिकतम मांग 14 हजार मेगावाट से अधिक की दर्ज हुई और इस मांग की सफलतापूर्वक सप्लाई की गई।