
प्रयागराज । कांग्रेस के घोषणा पत्र में गरीबों को 72 हजार रुपये सालाना की आर्थिक मदद (न्याय योजना) देने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पार्टी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि इस तरह की घोषणा वोटरों को रिश्वत देने की कैटगरी में क्यों नहीं है। यह भी कहा है कि क्यों न पार्टी के खिलाफ पाबंदी या दूसरी कोई कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने कांग्रेस को 10 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है।
कांग्रेस और चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस तरह की घोषणा रिश्वतखोरी और वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश के समान है। मतदाता को प्रलोभन देना निष्पक्ष मतदान के खिलाफ है। इससे मतदान की प्रक्रिया प्रभावित होती है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में गरीबों को 72 हजार सालाना देने का वायदा कर मतदाताओं को प्रलोभन दिया है। यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
PIL filed in Allahabad High Court against 'NYAY' scheme mentioned in Congress manifesto; court has issued a notice to Indian National Congress seeking a reply within 10 days.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 19, 2019
याचिका में कांग्रेस के विरुद्ध कार्यवाई करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट के वकील मोहित कुमार ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में गरीबों को 72 हज़ार रुपये सालाना की आर्थिक मदद देने के आश्वासन (न्याय योजना) मामले में जनहित याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राजेंद्र कुमार की डिविजन बेंच में सुनवाई हुई। याचिका पर अगली सुनवाई 13 मई को होगी।