
संजय चाणक्य (ब्यूरो-चीफ)
कुशीनगर में भारत सहित 15 देशों के लगभग एक सौ पर्यटकों ने रामाभार स्तूप परिसर व बुद्ध धातु वितरण स्थल पर विपश्यना साधना की। पर्यटक दल 11 दिनों के लिए भारत के सभी प्रमुख बौद्ध स्थलों पर विपश्यना के लिए भ्रमण पर है। स्विट्जरलैंड की विपश्यना आचार्य रोजर ने बताया कि यह आयोजन योग शिक्षक एस एन गोयंका व शिक्षिका सायमा गई के सौवीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित है। विपश्यना एक प्राचीन ध्यान पद्धति है जो मन को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद करती है। यह बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है, लेकिन सभी धर्मों के लोग इसका अभ्यास कर सकते हैं। कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है और बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है। यह आयोजन बौद्ध धर्म और विपश्यना साधना के प्रति लोगों की रुचि को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह कुशीनगर को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करेगा।