बिहार की राजनीति में नया मोड़, नीतीश कुमार की भाजपा के साथ वापसी, नौवीं बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ।

By | January 28, 2024

राजेश गौतम (मुख्य संवाददाता)

बिहार में हुए हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ दे दिया है। जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। इस फैसले से महागठबंधन सरकार का अंत हो गया और बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन गई। नीतीश कुमार के साथ सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने भी शपथ ग्रहण किया है. सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उपमुख्‍यमंत्री बनाया गया है. वहीं, डॉ. प्रेम कुमार (बीजेपी), विजय कुमार चौधरी (जेडीयू), बिजेंद्र प्रसाद यादव (जेडीयू), श्रवण कुमार (जेडीयू) संतोष कुमार सुमन (हम), सुमित कुमार सिंह (निर्दलीय) मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण किया।

नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के फैसले को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे जनता से किए गए वादे को तोड़ने के रूप में देख रहे हैं। नीतीश कुमार के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन कर बिहार के विकास के लिए एक बेहतर अवसर बनाया है। वे कहते हैं कि भाजपा के साथ मिलकर नीतीश कुमार बिहार को एक विकसित राज्य बना सकते हैं।दूसरी ओर, नीतीश कुमार के विरोधी उन पर जनता से किए गए वादे तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। वे कहते हैं कि नीतीश कुमार ने जनता से कहा था कि वह कभी भी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। लेकिन उन्होंने अपने वादे को तोड़ा और भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के फैसले से बिहार की राजनीति में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक संभावना यह है कि भाजपा और जदयू मिलकर बिहार में एक मजबूत सरकार बनाएंगे और राज्य के विकास को गति देंगे। दूसरी संभावना यह है कि इस गठबंधन से बिहार में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो सकती है। यह देखना बाकी है कि नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने का बिहार के विकास और राजनीति पर क्या असर पड़ेगा।

सम्राट चौधरी (उप मुख्यमंत्री, बिहार) 

सम्राट चौधरी भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे कुशवाहा समाज से आते हैं। उनका जन्म 16 नवंबर 1968 को मुंगेर के लखनपुर गांव में हुआ था। सम्राट चौधरी शकुनी चौधरी के पुत्र हैं। शकुनी चौधरी समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले सम्राट चौधरी बिहार विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष थे। सम्राट चौधरी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में की थी। उन्होंने 1990 में मुंगेर जिला परिषद के चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वे 2000 में परवत्ता विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में वे फिर से परवत्ता विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2016 में हुए विधानपरिषद चुनाव में वे मुंगेर से विधानपरिषद सदस्य चुने गए थे। 2020 में हुए विधानपरिषद चुनाव में भी उन्हें जीत हासिल हुई थी। सम्राट चौधरी को 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था। वे बिहार के पहले कुशवाहा समाज से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष हैं।

विजय सिन्हा (उप मुख्यमंत्री, बिहार) 

विजय कुमार सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं। वे बिहार विधानसभा के उपनेता और बिहार के नए उपमुख्यमंत्री हैं। वे भूमिहार समुदाय से आते हैं। उनका जन्म 5 जून 1967 को बिहार के लखीसराय जिले में हुआ था। विजय सिन्हा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में की थी। उन्होंने 1990 में लखीसराय जिला परिषद के चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वे 2000 में लखीसराय विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में वे फिर से लखीसराय विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में वे फिर से लखीसराय विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। विजय सिन्हा को 2020 में भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुना था। वे बिहार विधानसभा के पहले भूमिहार समाज से आने वाले अध्यक्ष थे। विजय सिन्हा के उपमुख्यमंत्री बनने से बिहार में भाजपा का वर्चस्व बढ़ने की संभावना है। वे बिहार में भाजपा को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे।