वाराणसी के रोपवे स्टेशन की डिजाइन शिव और काशी के थीम पर आधारित होगी।

By | January 11, 2024

(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)

रुद्राक्ष और इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के बाद अब एक और भवन काशी के धार्मिक महत्व को दर्शाता दिखाई देगा। वाराणसी में बन रहे देश के पहले अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे के स्टेशन की डिजाइन शिव और काशी के थीम पर आधारित होगी। वाराणसी कैंट स्टेशन पर बनने वाले रोप-वे स्टेशन की पहली तस्वीर का प्रस्तावित मॉडल सामने आया है। इसमे डमरू, त्रिशूल, शंख, नदी, चाँद और घाट की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। रोप-वे वाराणसी में 2024 तक पर्यटकों के लिए तैयार हो जाएगा।

रोपवे स्टेशन की डिजाइन काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। स्टेशन के बाहरी हिस्से में डमरू, त्रिशूल, शंख, नदी, चाँद और घाट की कलाकृतियां बनाई जाएंगी। स्टेशन के अंदर भी शिव और काशी से जुड़ी हुई कलाकृतियां और डिजाइन देखने को मिलेंगे। रोपवे स्टेशन का निर्माण राष्ट्रीय हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) कर रहा है। एनएचएलएमएल के मुताबिक, रोपवे स्टेशन का निर्माण काशी की ख़्याति के अनुरूप किया जा रहा है। सभी रोप-वे स्टेशन पर वाराणसी की प्रमुख चीजों को दिखाने का प्रयास होगा।

वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे। जिसमे कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर होगी जो करीब 16 मिनट में तय होगी। लगभग 35 से 45 मीटर की ऊंचाई से क़रीब 150 ट्रॉली कार चलेगी। इस योजना की लागत 807 करोड़ की है।

रोपवे स्टेशन का महत्व

रोपवे स्टेशन का निर्माण वाराणसी के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। रोपवे से पर्यटक वाराणसी के प्रमुख पर्यटन स्थलों को आसानी से और कम समय में घूम सकेंगे। रोपवे स्टेशन से पर्यटक वाराणसी के धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक स्थलों को देख सकेंगे।

रोपवे स्टेशन का निर्माण वाराणसी के शहरी परिवहन को भी बेहतर बनाने में मदद करेगा। रोपवे से लोगों को शहर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने में आसानी होगी।